सदस्यता विवाद: शरद यादव और अली अनवर की बढ़ी मुश्किलें, राज्यसभा सचिवालय ने भेजा नोटिस
नई दिल्ली। जेडीयू पर कब्जे का दावा खोने के बाद पार्टी से बागी हुए शरद यादव को एक और झटका लगा है। राज्यसभा सचिवालय ने शरद यादव और अली अनवर को नोटिस जारी करके जेडीयू की ओर से दी गई उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें नीतीश कुमार गुट ने राज्यसभा से उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। राज्यसभा की ओर से इस मामले में एक हफ्ते के अंदर शरद यादव और अली अनवर से जवाब मांगा है।
राज्यसभा सचिवालय ने जारी किया नोटिस
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद जेडीयू ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के इस फैसले के बाद पार्टी में विवाद बढ़ा। जेडीयू के बड़े नेता और पूर्व अध्यक्ष रहे शरद यादव ने इस फैसले पर विरोध जताया। इतना ही नहीं शरद यादव ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया। साथ ही साथ पटना में आयोजित आरजेडी की रैली में हिस्सा भी लिया। इसी के बाद जेडीयू की ओर से राज्यसभा में याचिका दी गई। जिसमें शरद यादव और अली अनवर को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई। इसी मामले में अब राज्यसभा सचिवालय ने जेडीयू के दोनों बागी नेताओं को नोटिस जारी करके एक हफ्ते में जवाब मांगा है।
पूरे मामले पर अली अनवर ने कहा कि हमारा जवाब तैयार है। उन्होंने कहा कि ये नीतीश कुमार खेमे की गलती है कि उन्होंने कार्यक्रम में अचानक बदलाव किया। जुलाई में पार्टी की राष्ट्रीय काउंसिल की बैठक जो दिल्ली में थी उसे पटना में किया गया। पार्टी के संविधान का ध्यान नहीं रखा गया। इस दौरान अली अनवर ने बताया किया शरद यादव खेमे ने 17 सितंबर को पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का फैसला लिया है, जिसमें आगे के भविष्य पर फैसला लिया जाएगा। इस बीच चुनाव आयोग ने जेडीयू की दावेदारी को लेकर अपना फैसला सुना दिया है। आयोग ने शरद यादव खेमे की जेडीयू पर दावेदारी को खारिज कर दिया है। पार्टी और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर शरद यादव खेमे की दावेदारी की याचिका को चुनाव आयोग ने विचार के योग्य ही नहीं माना।
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