मिलिए तेजस्वी के 'बड़े भाई' और सबसे भरोसेमंद शख्स संजय यादव से, जिन्हें कहा जाता है RJD का 'चाणक्य'
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में राजद भले ही सत्ता पाने से चूक गई लेकिन इस चुनाव ने तेजस्वी यादव(Tejashwi Yadav)बड़े नेता बनकर उभरे हैं। महागठबंधन के इस प्रदर्शन का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को दिया जा रहा है। इस चुनाव में तेजस्वी यादव को कई चुनावी रणनीतिकारों का साथ मिला है। इसमें सबसे अहम नाम संजय यादव का है। तेजस्वी के राजनीतिक सचिव हरियाणा के संजय यादव (Sanjay Yadav), को राजद का चाणक्य बताया जा रहा है।
2012 में तेजस्वी के साथ जुडे़ संजय
2012 में जब तेजस्वी यादव ने महसूस किया कि क्रिकेट में उनका करियर खत्म होने वाला है, तो उन्होंने राजनीति में दूसरी पारी की शुरुआत करने का फैसला लिया। उस सयम संजय यादव ने तेजस्वी पर भरपूर विश्वास जताया। तब तेजस्वी ने संजय से हाथ मिलाया था, जो उनसे सिर्फ 5 साल बड़े थे और पिता समान भी थे। उस दौरान तेजस्वी ने संजय यादव का परिचय देते हुए कहा था कि ये मेरे बडे भाई हैं, अब हम साथ साथ हैं। 37 साल के संजय बीते एक दशक से तेजस्वी यादव से जुड़े हुए हैं। दोनों की मुलाकात दिल्ली में कॉमन दोस्तों के जरिए 2010 में हुई थी और तब तेजस्वी यादव आईपीएल में अपना करियर तलाश रहे थे। उस समय संजय भोपाल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में एमएससी और इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली से एमबीए करने के बाद तीन मल्टीनेशनल आईटी कंपनियों में नौकरियाँ बदल चुके थे।
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राजद के चाणक्य हैं संजय
तेजस्वी यादव ने क्रिकेट छोड़कर पूरी तरह से राजनीति पर फोकस करने का निश्चय किया तो उन्होंने संजय यादव को नौकरी छोड़कर साथ काम करने को कहा। संजय यादव तब से तेजस्वी के साथ हैं। अपने तेज दिमाग और राजनीतिक सूझबूझ के जरिए संजय यादव ने लालू यादव का विश्वास बहुत कम समय में हासिल कर लिया। पिछली बार जब संजय RJD संरक्षक लालू प्रसाद यादव से रांची जेल में मिले थे, तो गठबंधन के तौर तरीकों और उम्मीदवार चयन पर खूब चर्चा की थी।
हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं संजय
एक सूबेदार पिता का इकलौते बेटे संजय यादव मामूली परिवार से आते हैं। उन्होंने हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नांगल सिरोही में गांव के एक हिंदी-माध्यम स्कूल में पढ़ाई की। माना जाता है कि संजय यादव तेजस्वी यादव के लिए सबसे भरोसेमंद हैं। इस चुनाव में तेजस्वी यादव की चुनावी सभाओं को मैनेज कर रहे थे बल्कि अलग अलग सभाओं में तेजस्वी को क्या बोलना चाहिए, इसकी रूपरेखा भी बना रहे थे। तेजस्वी यादव हर दिन 17-18 सभाओं को संबोधित कर रहे थे और उसका कंटेंट मुहैया कराने के साथ-साथ तेजस्वी की बात पूरे बिहार तक पहुँचे, इसकी कोशिश भी लगातार हुई।
छोटी चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए RJD की चुनावी रणनीति बनाई
विधानसभा चुनाव में संजय यादव ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए RJD की चुनावी रणनीति बनाई। इस बार के चुनाव अभियान में आरजेडी के पास लालू प्रसाद यादव नहीं थे लेकिन रणनीति के स्तर पर पार्टी को उनकी कोई कमी नहीं खली। पूरी कैम्पेम में संजय यादव तेस्जवी का साया बने रहे और उन्हें चुनाव में सलाह देते रहे।
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