जब उमा भारती को गिरफ्तार करने पहुंची थी ये महिला IPS, छोड़ना पड़ गया था CM पद
नई दिल्ली। कर्नाटक की तेजतर्रार आइपीएस अफसरों में शुमार डी रूप एक बार फिर चर्चा में हैं। डी रूपा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और समय-समय पर मुद्दों पर ट्वीट और पोस्ट के जरिए राय रखती रहती हैं। इस बार उन्होंने ट्विटर पर एक पोल किया है जो कि पुलिस से ही संबंधित है। डी रूपा ने एक पोल किया है इसमें चार विकल्प दिए गए थे. सकारात्मक, नकारात्मक और संपर्क में कभी नहीं आए(नकारात्मक) और संपर्क में कभी नहीं ( सकारात्मक)।
क्या मिला जवाब?
डी रूपा के पोल पर कुल 11544 लोगों ने जवाब दिया है। लेकिन इसमें खास बता ये रही कि लगभग 51 प्रतिशत लोगों ने पोल के निगेटिव विकल्प पर वोट दिया। मतलब पुलिस को लेकर उनका बुरा अनुभव रहा। जबकि 28 प्रतिशत लोगों ने पुलिस से संपर्क को सकारात्मक माना वहीं 12 प्रतिशत ने कहा है कि वो कभी पुलिस के संपर्क में नहीं आए लेकिन पुलिस के प्रति उनकी धारणा पॉजिटिव है।
|
उमा भारती को गिरफ्तार करने निकलीं थी डी रूपा
जीं हां, डी रूपा ही वह आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने साल 2004 में एक वारंट को तामील कराने के लिए कर्नाटक से उमा भारती को गिरफ्तार करने के लिए निकल पड़ीं थी। वो भी तब जब उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। हालांकि डी रूपा के पहुंचने से पहले उमा भारती ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। यह वाकया उस समय कि है जब डी रूपा कर्नाटक के धारवाड़ जिले की पुलिस अधीक्षक थीं। दरअसल साल 2003 में जब उमा भारती सीएम बनीं तो उनके खिलाफ दस साल पुराने एक मामले में गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
जेल में किचन बनाने का किया था खुलासा
डी रूपा वो पुलिस अफसर हैं जिन्होंने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी शशिकला को जेल में वीवीआईपी सुविधाएं मिलने का खुलासा किया था। डी रूपा ने एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि जेल के अधिकारियों ने दो करोड़ रुपए लेकर जेल के अंदर शशिकला के लिए किचेन बनवाई। इसके अलावा स्टांप घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद जेल में बंद अब्दुल करीम तेगी के बारे में भी रिपोर्ट में खुलासा किया।