बेटे का जन्मदिन मनाने आया फौजी पिता, लेकिन तिरंगे में लिपटा हुआ
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले संदीप जाधव, सीमा पर देश की रक्षा करते हुए एक पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए। शनिवर को उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा।
औरंगाबाद/कोल्हापुर। महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले संदीप जाधव, सीमा पर देश की रक्षा करते हुए एक पाकिस्तानी हमले में शहीद हो गए। शनिवर को उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा। शव के घर पहुंचते ही मातम का माहौल छा गया। संदीप का एक साल का बेटा था जिसका शनिवार को ही जन्मदिन था। संदीप ने अपने बेटे से वादा किया था कि वह उसका पहला जन्मदिन मनाने घर जरूर आएंगे। वादे के मुताबिक संदीप घर तो आए लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए।
संदीप के घरवालों ने बताया कि वे संदीप की मौत से बेखबर उसके बेटे की जमन्मदिन की तैयारी कर रहे थे लेकिन तभी अचानक से सीमा से संदीप के शहीद होने की खबर आती है। सबसे दर्दनाक बात यह थी शहीद संदीप जाधव के एक साल के बेटे को अपने पहले जन्मदिन पर अपने पिता को अंतिम विदाई देनी पड़ी, जो उसके जीवन के लिए सबसे दुख भरा पल रहा।
शहीद जवान संदीप जाधव के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को ही औरंगाबाद में लाया गया था, रात को उनके पार्थिव शरीर को मिलिटरी हॉस्पिटलमें रखा गया था. शहीद संदीप जाधव का मूलगांव केलगाव में उनको अंतिम विदाई देने के लिए काफी भीड़ इकट्ठा थी। संदीप के साथ ही कोल्हापुर के शहीद जवान श्रावण माने का पार्थिव शरीर का भी आज अंतिम संस्कार किया गया। श्रावण माने यह मूल रूप से गोगवे के थे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि पाकिस्तानी सेना के बॉर्डर एक्शन टीम ने नियंत्रण रेखा पर गुरूवार को हमला कर दिया था। जिसमें महाराष्ट के दोनों जवान शहीद हो गए थे। औरंगाबाद के निवासी नाईक संदीप जाधव और कोल्हापुर के निवासी सिपाही श्रावण बालकू माने हमले में शहीद हो गए थे। 35 वर्षीय संदीप जाधव पिछले 15 सालों से सेना में कार्यरत थे, और 25 वर्षीय श्रावण माने 4 साल पहले सेना में भरती हुए थे।