छत्तीसगढ़ में सहायक आरक्षक की धारदार हथियार से हत्या, वेशभूषा बदलकर पहुंचे थे माओवादी
नई दिल्ली, 10 मार्च। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में दिनदहाड़े माओवादियों के हमले में एक सहायक आरक्षक की मौत हो गई। आरक्षक पर हमला उस वक्त हुआ जब वह गश्त ड्यूटी के बाद घर से वापस थाने जा रहा था। थाने से करीब 500 मीटर दूरी पर घात लगाए बैठे माओवादियों ने उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।
घटना बीजापुर जिले के मिरतुर थाना के नजदीक हुई। जिसमें 35 वर्षीय सहायक आरक्षक गोपाल कढती की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि थाने से करीब 500 मीटर के दूरी पर मौजूद 10 से 12 सादे वेशभूषा धारी स्माल एक्सन टीम के माओवादियों ने गोपाल कड़ती पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। माओवादियों ने कड़ती के सीने पर ताबड़तोड़ हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। रविवार को मिरतुर में साप्ताहिक बाजार लगता है। जिसके कारण घटना के वक्त आसपास भीड़ थी। ऐसे में स्माल एक्सन की टीम के लोग बाजार में भीड़ का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए।
मिरतुक इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। वे आए दिन इस तहर की वारदात को अंजाम देते रहते हैं। लेकिन थाने के समीप यह घटना प्रशासन पर सवाल खड़े करती है। जहां पुलिस के जवान की हत्या भरे बाजार में हो जाती है और नक्सलियों को खौफनाक प्लान की भनक पुलिस को नहीं लगती। फिलहाल मृत आरक्षक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया गया है। घटना को लेकर जांच की जा रही है।