मूर्ती विसर्जन को लेकर ममता सरकार का एक और फरमान
ममता बनर्जी का एक बार फिर बड़ा फरमान, विसर्जन से पहले लेनी होगी इजाजत, कोर्ट ने लगाई थी ममता सरकार को फटकार, बिना इजाजत नहीं कर पाएंगे विसर्जन
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर से नया फरमान जारी किया है, जिसके वह फिर से विवादों में आ गई हैं। एक बार फिर से ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के बाद विसर्जन पर रोक लगाने का अजीबो गरीफ फरमान जारी किया है। इस बार ममता सरकार ने दुर्गा पूजा के आयोजको को विसर्जन से पहले पुलिस की इजाजत लेने का फरमान जारी किया है। साथ ही अगर पुलिस सुरक्षा इंतजामों को लेकर अगर संतुष्ट होगी तभी विसर्जन की इजाजत दी जाएगी।
आपको बता दें कि इससे पहले ममता सरकार ने शाम को छह बजे के बाद मूर्ती विसर्जन करने पर पाबंदी लगाई थी, उन्होंने ऐसा मुहर्रम के चलते किया था, ताकि दोनों समुदायों में किसी भी तरह का तनाव ना हो। लेकिन ममता सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इस पाबंदी को हटाने का निर्देश दिया था, साथ ही कोर्ट ने कहा था कि दोनों ही समुदाय को एक साथ मिलकर रहने दिया जाए, उनके बीच किसी भी तरह की खाई को पैदा नहीं किया जाए। जिसके बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि जरूरत पड़े तो मेरा गला काट दो लेकिन मुझे कोई यह नहीं बता सकता है कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि शांति को बनाए रखने के लिए मुझे जो भी करना पड़ेगा मैं करुंगी।
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ममता सरकार ने कहा था कि मुहर्रम के दिन को छोड़कर 2,3 और 4 अक्टूबर को विसर्जन होगा, लेकिन एक अक्टूबर को विसर्जन नहीं होगा। जिसके बाद कोर्ट में ममता सरकार की ओर से कहा गया था कि यह टाइपिंग एरर थी, लिहाजा इसे सही कर लिया गया है। अब रात को 10 बजे तक एक अक्टूबर को विसर्जन की इजाजत होगी। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि इससे पहले राज्य में इस तरह की स्थिति नहीं हुई, आप दो समुदाय के लोगों के बीच दरार क्यों पैदा कर रहे हैं, उन्हें एक साथ रहने दीजिए