ममता के बुलावे पर कोलकाता में सजा 'बीजेपी विरोधी' मंच, मोदी के खिलाफ विपक्ष भरेगा हुंकार
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शुक्रवार को ही 'बीजेपी विरोधी' मंच तैयार हो गया था, जिसके बाद आज यानी शनिवार को गैर-एनडीए पार्टियों के कई दिग्गज नेताओं का एक साथ जमावड़ा देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बुलावे पर कोलकाता में जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु की राजनीति को प्रभावित करने वाले लगभग सभी नेता एक साथ एक मंच पर बीजेपी के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इस रैली का नाम 'यूनाइटेड इंडिया' है और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस रैली के माध्यम से विपक्ष को भी कहीं न कहीं अगले पीएम के रूप में पार्टी मुखिया ममता बनर्जी को प्रबल दावेदार के रूप में बताने की कोशिश कर रही है।
क्या होगा रैली में?
चुनाव आयोग (Election Commission of India) 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा मार्च के पहले सप्ताह में कर सकता है और इस बीच बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ आता दिख रहा है। ममता बनर्जी ने इस रैली का आयोजन उस वक्त किया है जब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने लगभग तैयारी कर ली है और पीएम मोदी की रैलियां भी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि आजादी के बाद कोलकाता में अब तक की सबसे बड़ी रैली का आयोजन किया जा रहा है, जब पूरा विपक्ष एक मंच पर एक साथ नजर आएगा। इस रैली के दौरान कई विपक्षी नेताओं और पार्टियां को अलग से एक-दूसरे से मुलाकात करते हुए और चुनावी रणनीति बनाते हुए देखा जा सकता है। यूनाइटेड इंडिया मंच पर जाने से पहले शुक्रवार को ही कोलकाता में ममता बनर्जी लगभग सभी विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुकी हैं।
कौन-कौन होगा मंच पर?
कोलकात में जो बीजेपी विरोधी मंच सजा है उसमें देश का लगभग पूरा विपक्ष एक साथ नजर आएगा। इस रैली में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के अध्यक्ष एमके स्टालिन, पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू शामिल होंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के प्रमुख अजीत सिंह, उनके बेटे जयंत सिंह, समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रमुख बाबूलाल मरांडी, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव, अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के भी शामिल होने की संभावना है। वहीं, भाजपा के पूर्व नेताओं में यशवंत सिन्हा, राम जेठमलानी, अरुण शौरी, सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल होंगे।
कौन नहीं आएगा?
सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस रैली में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से ममता की इस रैली में पार्टी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी करेंगे। वहीं, राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल की सीएम को एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि वे एकता के इस शो में ममता बनर्जी का समर्थन करते हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती भी इस रैली में शामिल नहीं होंगी, उनकी जगह राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा अपनी पार्टी की तरफ से प्रतिनिधित्व करते हुए दिखेंगे। इसके अलावा केसीआर राव भी इस रैली में शामिल नहीं होंगे और लेफ्ट का पूरा खेमा इस रैली से किनारा करता हुआ दिखेगा।