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गांधी के पोते कनुभाई के अंतिम दिन गुजरे बदहाली में, नहीं मिला किसी से सहारा

महात्मा गांधी के 86 साल के पोते कानुभाई का सोमवार को निधन हो गया।

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सूरत। महात्मा गांधी के 86 साल के पोते कानुभाई का सोमवार को निधन हो गया, वो 17 दिन से वेंटिलेटर पर थे, उन्हें हार्ट अटैक आया था। आपको बता दें कि कनुभाई गांधी जी के तीसरे बेटे रामदास के पुत्र थे। कनुभाई 33 साल अमेरिका में रहे। 25 साल तक नासा में साइंटिस्ट रहे और पत्नी भी वहीं डॉक्टर थीं।

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लेकिन देश के राष्ट्रपिता के पोते होने के बावजूद कनुभाई के अंतिम दिन काफी बदहाली में गुजरे, उनको करीब से जानने वाले कहते हैं कि रिटायरमेन्ट के बाद उनके साथ धोखाधड़ी हुई और उनके सारे पैसे गबन कर लिये गये थे इसलिए ही वो साल 2014 में भारत वापस आए थे लेकिन यहां आने के बाद भी उन्हें वो रूतबा नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थी।

गांधी एक भरोसा...तो शास्त्री एक विश्वास...भारत मां के दो लाल...गांधी एक भरोसा...तो शास्त्री एक विश्वास...भारत मां के दो लाल...

वो मुंबई और दिल्ली के कई वृद्धाश्रमों में रहे लेकिन जब मीडिया में उनकी खबरें आयीं तो उनके लिए प्रशासन गंभीर हुआ और उन्हें अहमदाबाद के गांधी आश्रम में लाया गया था। हालांकि उनसे वादे तो कई हुए लेकिन किसी ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। फिलहाल उनके साथ रह रहे लोगों ने तो ये तक कहा है कि पैसे की तंगी की वजह से उनका ठीक से इलाज भी नहीं पाया।

English summary
Kanubhai Gandhi, grandson of Mahatma Gandhi and former NASA scientist, died at a private hospital here on Monday, battling paralysis and heart attack
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