क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Mahashay Dharampal: पत्नी की मौत के दो महीने बाद खोया इकलौता बेटा, इनके नाम कर दिया था 1000 करोड़ का करोबार

Google Oneindia News

नई दिल्ली। भारत के मसाला किंग और एमडीएच मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वो लंबे समय से उम्र संबंधित बीमारियों से पीड़ित थे, जिस वजह से दिल्ली के माता चानन देवी हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। वहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। धर्मपाल गुलाटी की कहानी लोगों को प्रेरित करने वाली है, 1947 में विभाजन के वक्त वो पाकिस्तान से 1500 रुपये लेकर भारत आए थे। इसके बाद उन्होंने तांग चलाया और बाद में देश के मसाला किंग बन गए।

पाकिस्तान में सब कुछ छोड़ भारत आए

पाकिस्तान में सब कुछ छोड़ भारत आए

गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को एक पंजाबी परिवार में हुआ था। शुरूआत में वो पाकिस्तान के सियाकोट में रहते थे। उन्होंने पाकिस्तान में ही 5वीं तक की शिक्षा ली, उसके बाद स्कूल छोड़ दिया। उनके पिता पाकिस्तान में मसालों की दुकान चलाते थे, जिसका नाम महाशयां दी हट्टी था। स्कूल छोड़ने के बाद गुलाटी भी दुकान पर बैठने लगे। वो वहां पर मेहंदी भी बेचा करते थे, जिस वजह से रोजाना उनकी 20 रुपये तक की कमाई हो जाती थी। आजादी के बाद वो पाकिस्तान में सब कुछ छोड़ भारत आ गए और करोल बाग में अपनी भांजी के घर रहने लगे, जहां पर ना बिजली थी, ना पानी और ना ही किसी अन्य तरह की सुविधा।

Recommended Video

Mahashay Dharampal Gulati: जानें कैसे खड़ा किया 2000 Crore का Business Empire । वनइंडिया हिंदी
1992 में बेटे और पत्नी का निधन

1992 में बेटे और पत्नी का निधन

धर्मपाल गुलाटी के पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी और माता चानन देवी ने उनकी शादी 18 साल की उम्र में लीलावती से करवा दी। जिससे उनके एक बेटे संजीव गुलाटी थे। धर्मपाल के दो भाई सतपाल गुलाटी और धर्मवीर गुलाटी भी हैं, जो पेशे से व्यवसायी हैं। भारत आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने अपना करोबार फिर से शुरू किया। इस बीच 1992 में उनकी पत्नी का निधन हो गया। इस दुख से उबरे भी नहीं थे उसके दो महीने बाद उनके बेटे का भी निधन हो गया। संजीव के अलावा गुलाटी की 6 बेटियां भी हैं। निधन से पहले वो अपने पोते और उसके परिवार के साथ रहते थे। उन्होंने अपना कारोबार अपने छोटे भाई सतपाल गुलाटी को सौंप दिया था।

ऐसे खड़ा हुआ साम्राज्य

ऐसे खड़ा हुआ साम्राज्य

जब पाकिस्तान छोड़ गुलाटी भारत आए तो उनकी सेब में सिर्फ 1500 रुपये थे। उसमें से 650 रुपये में उन्होंने एक तांग खरीद लिया। उसे वो कनॉट प्लेस से करोल बाग तक चलाते थे। इसके बाद 1948 में उन्होंने तांग बेच दिया और करोल बाग में फिर से मसालों की दुकान खोल ली, जो कुछ ही दिनों में फेमस हो गई। इसके बाद उन्होंने 1953 में चांदनी चौक में नई दुकान खोली। दोनों दुकान की सफलता के बाद उन्होंने 1959 में कीर्ति नगर में मसालों की फैक्ट्री लगा ली। उनके ब्रॉन्ड का नाम महाशयां दी हट्टी यानी एमडीएच था, जो आज दुनियाभर में फेमस है।

1000 करोड़ से ज्यादा का साम्राज्य

1000 करोड़ से ज्यादा का साम्राज्य

मौजूदा वक्त में उनका एमडीएच में 80 प्रतिशत शेयर था। इसके अलावा एक अस्पताल, 15 फैक्ट्रियां और 20 स्कूल हैं। 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक उनकी कंपनी का करोबार 1000 करोड़ से ज्यादा का था। वहीं 2017 में वो 21 करोड़ सलाना सैलरी लेकर सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ बने थे।

नंगे पांव करोलबाग जाते थे धर्मपाल गुलाटी, लग्जरी कार से उतरकर करते थे तांगे की सवारी, जानिए क्यों?नंगे पांव करोलबाग जाते थे धर्मपाल गुलाटी, लग्जरी कार से उतरकर करते थे तांगे की सवारी, जानिए क्यों?

Comments
English summary
Mahashay Dharampal: son passed away after wife, his brother take over the business
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X