'हेमा मालिनी के गालों की तरह सड़कें नहीं मिलीं तो इस्तीफा दूंगा',महाराष्ट्र के मंत्री के बयान की चौतरफा आलोचना
'हेमा मालिनी के गालों की तरह सड़कें नहीं मिलीं तो इस्तीफा दे दूंगा...', महाराष्ट्र के मंत्री के बयान की चौतरफा आलोचना
मुंबई, 20 दिसंबर: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में जल आपूर्ति और स्वच्छता के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने भाजपा सांसद हेमा मालिनी को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया है, जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है। रविवार (19 दिसंबर) को विपक्षी भाजपा के साथ-साथ सहयोगी राकांपा और कांग्रेस ने भी शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल के बयान की आलोचना की है। राज्य के भाजपा नेता ने कहा है कि वह "अपमानजनक और अभद्र टिप्पणी" करने के लिए मंत्री के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करेंगे। वहीं महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने कहा कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए या कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए।
'हेमा मालिनी के गालों की तरह सड़कें नहीं मिलीं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा...'
जलगांव जिले में बोडवाड़ नगर पंचायत के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, गुलाबराव पाटिल ने अपने राजनीतिक विरोधी पर तंज कसते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एकनाथ खडसे ने कहा, ''जिन लोगों ने 30 साल तक विधायक के रूप में काम किया है, उन्हें मेरे धरनगांव निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना चाहिए। उन्हें पहले विकास देखना चाहिए। धरनगांव में हेमा मालिनी के गालों की तरह सड़कें नहीं मिलीं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा...।''
'पता नहीं क्यों शिवसेना नेता को हेमा मालिनी की याद आई'
एनसीपी नेता एकनाथ खडसे ने कहा, ''मैं अभिनेता पर उनकी टिप्पणी के बारे में कुछ नहीं बोल सकता। पता नहीं उन्हें (गुलाबराव पाटिल) हेमा मालिनी की याद क्यों आई। हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार बोलता है... लेकिन मैं पाटिल को बताना चाहता हूं कि मैं पिछले 30 सालों में एक भी चुनाव नहीं हारा हूं। अगर लोग मुझे बार-बार चुन रहे हैं, तो इसका मतलब है कि मैंने उनके लिए काम किया है।''
'देखना चाहता हूं कि महा विकास अघाड़ी क्या एक्शन लेगी...'
भाजपा के प्रवीण दारेकर, जो राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं, ने कहा, " गुलाबराव पाटिल के खिलाफ महिलाओं को बदनाम करने के लिए एक केस दर्ज किया जाना चाहिए। मैं देखना चाहता हूं कि एमवीए सरकार मंत्री के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।"
वहीं बीजेपी की महिला विंग की अध्यक्ष उमा खापरे ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ''यह एक बेहद आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी है। उन्होंने महिलाओं की गरिमा को कम करने की कोशिश की है। महिलाएं राजनेताओं का सॉफ्ट टारगेट बनती जा रही हैं। हम निश्चित तौर पर मंत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।''
'अगर वह माफी मांगते हैं तो...'
राज्य राकांपा महिला विंग की प्रमुख और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा, ''एक जन प्रतिनिधि के रूप में, पाटिल का बयान महिलाओं के लिए बेहद निंदनीय और अपमानजनक है। इस तरह की तुलना करके उन्होंने केवल अपने मूल्यों और संस्कृति को उजागर किया है...अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो हमें उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी होगी।''
भाजपा के प्रवीण दारेकर ने कहा कि राज्य भर में एमवीए के तीन घटक एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं और जलगांव कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा, "जैसा कि वे आपस में लड़ रहे हैं, भाजपा हर जगह हासिल कर रही है।"