
Maharashtra सीएम बने एकनाथ शिंदे, दो बच्चों की उनकी आंखों के सामने हो गई थी मौत,छोड़ दी थी राजनीति
मुंबई, 30 जून: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी नाटक का आज अंत हो गया और शिवसैनिक एकनाथ शिंदे का महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हो गया। उद्धव ठाकरे को सत्ता से उखाड़ फेंक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के राजनीतिक में एक नया चैप्टर लिख चुके हैं। महाराष्ट्र की महाअघाड़ी सरकार में मंत्री रहने के बावजूद जिस एकनाथ शिंदे को शिवसैनिक होने के बावजूद अहमियत नहीं मिली उसी शिवसैनिक ने ना केवल महाराष्ट्र की सत्ता अपने नाम कर ली बल्कि ठोकरे परिवार के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।

मुंबई में कभी ऑटो रिक्शा चलाते थे शिंदे
शिवसेना के इतिहास में सबसे बड़ी बगावत का चेहरा बने एकनाथ शिंदे का मुंबई में कभी ऑटो रिक्शा चलाया था और अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। महज 18 साल की उम्र में शिवसेना नेता आनंद दिघे से मुलाकात के बाद कार्यकर्ता के रूप में शिवसेना ज्वाइन करने वाले शिंदे ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया।

1997 में पहली बार बने थे विधायक
एकनाथ शिंदे लंबे संघर्ष के बाद 1997 में ठाणे नगर निगम चुनाव में आनंद दिघे ने ही टिकट दिया और शिंदे पार्षदक बने। 2002 में दूसरी बार नगर निगम पार्षद बने। शिंदे के जीवन में एक हादसा हुआ जिसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी।

एकनाथ शिंदे के सामने उनके दो बच्चों की हो गई थी मौत
शिंदे जब पार्षद थे तब उनका परिवार सतारा गया था यहां पर बोटिंग करते समय ऐसा हादसा हुआ कि शिंदे की आंखों के सामने उनके दो बच्चे 11 साला का बेटा दीपेश और 7 साल की बेअी शुभदा पानी में डूब गए। इस घटना से शिंदे को बड़ा सदमा लगा था और उन्होंने राजनीति से किनारा कर लिया था।

बच्चों के गम में डूबे एकनाथ शिंदे की इस शख्स ने कराई थी राजनीति में वापसी
बच्चों को खोने के गम में डूबे एकनाथ शिंदे को दोबारा राजनीति में उनके राजनीतिक गुरु आनंद दिघे ही लेकर आए और फिर से राजनीति से जोड़ा। 2001 में जब शिंदे के राजनीति गुरु का निधन हो गया तो शिंदे का कद ठाणे में और बढ़ गया और उनकी पकड़ शिवसेना और अपने क्षेत्र में मजबूत हो गई जिसका फायदा उन्हें 2004 विधानसभा चुनाव में हुआ और शिंदे ठाणे विधानसभा सीट से टिकट पर जीत हासिल की थी ।

एकनाथ शिंदे का राजनीतिक करियर
2005 में नारायण राणे के शिवसेना छोड़ कर जाने के बाद शिंदे उद्धव ठाकरे परिवार के करीब आए और जिसके बाद बाद 2009, 2014, 2019 में तीनों विधानसभा चुनाव में ठाणे की पछपाखड़ी सीट से जीत हासिल कर विधायक बने और महाराष्ट्र की पिछली देवेंद्र फणडनवीस सरकार में लोक निर्माण मंत्री का पद संभाला।

कैसे अब एकनाथ शिंदे ने अपने नाम की महाराष्ट्र सीएम की कुर्सी
याद रहें 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा एकनाथ शिंदे ही थे। इतना ही नहीं महाराष्ट्र चुनाव के समय महाराष्ट्र में हर जगह सीएम चेहरे के रूप में शिंदे का ही पोस्टर लगा था लेकिन जब शिवसेना को उम्मीद से अधिक सीटें मिली तो उद्धव ठाकरे का सीएम पद के प्रति मोह जागा और इस मोह में उन्होंने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ शिवसेना की विरोधी विचारधारा वाली कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बना ली। शिंदे को उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री तो बनाया गया लेकिन उनकी और ना ही शिवसेना विधायकों की एक भी सुनी जाती है जिसके बाद जिस तरह से शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत की और अब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।