शनिवार को कर्नाटक बंद, केरल, तमिलनाडु भी होंगे प्रभावित
बेंगलुरु। गोवा में बहने वाली महादयी नदी से अतिरिक्त पानी की मांग करने वाले कर्नाटक की अपील को ट्रिब्यूनल कोर्ट द्वारा खारिज किये जाने के बाद राज्य के लोगों में रोष व्याप्त है। किसान एवं कन्नड़ संगठनों ने गुरुवार और शनिवार को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। गुरुवार को उत्तर कर्नाटक के कुछ जिलों में बंद रहेगा, जबकि शनिवार को पूरा कर्नाटक बंद रहेगा। जाहिर है इसका असर पड़ोसी राज्यों केरल, तमिलनाडु पर भी पड़ेगा।
महादयी नदी से 7.5 टीएमसी फीट पानी छोड़ने की अपील को खारिज किये जाने के बाद से हुब्बली, धारवाड़, गदग समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन बुधवार से ही शुरू हो गये हैं। गुरुवार की सुबह भी कई जगह प्रदर्शन शुरू हो गये हैं। उत्तर कर्नाटक लगभग बंद है, जबकि बेंगलुरु आज खुला है, लेकिन शनिवार को बंद रहेगा। हालांकि अभी तक सरकार ने स्कूल कॉलेज बंद किये जाने की कोई घोषणा नहीं की है।
बंद के कारण पड़ोसी राज्यों से आने वाली बसों को रोका जा सकता है। यदि आप तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र या केरल से कर्नाटक के किसी भी शहर के लिये यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी याजना को बदल दीजिये, क्योंकि आपकी बस को कहीं भी रोका जा सकता है और आप घंटों तक फंस सकते हैं।
क्या है मामला
असल में गोवा में महादयी नदी का पानी हर साल पहाड़ों से निकल कर समुद्र में जाकर मिल जाता है। हालांकि यह नदी गोवा में पेय जल का मुख्य स्रोत है। गोवा की जरूरतों को पूरा करने के बाद नदी का अधिकांश पानी समुद्र में जाकर मिल जाता है, इसलिये कर्नाटक ने पदी का अतिरिक्त पानी यानी लगभग 7.5 टीएमसी कर्नाटक के चार जिलों की पेयजल समस्या को हल करने के लिये मांगा। इस पर गोवा ने मना कर दिया।
कर्नाटक सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सरकार ने कोर्ट से अपील की कि वो गोवा सरकार को अतिरिक्त पानी छोड़ने के निर्देश दे। इस पर जेएम पंचाल के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया। वहीं कर्नाटक सरकार ने 40 वकीलों के एक समूह को केस लड़ने के लिये लगाया। कर्नाटक को उम्मीद थी कि फैसला उसी के पक्ष में आयेगा, क्योंकि उसने गोवा के हिस्से का पानी मांगा ही नहीं। राज्य ने तो वह पानी मांगा जो व्यर्थ समुद्र में जाकर मिल जाता है।
बुधवार को सरकार की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया, जब ट्रिब्यूनल ने यह कहा कि आज अगर कर्नाटक को अनुमति दे दी, तो कल दूसरा राज्य, परसों कोई और पानी मांगेगा।