15 महीने बाद एमपी फिर शिवराज के हाथ, चौथी बार मिली मामा को कमान, जानिए सियासी सफर
भोपाल। आखिरकार एक बार फिर से एमपी में कमल खिल गया और सोमवार को मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बना ली, मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली, एक सादे समारोह में शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और वो चौथी बार एमपी के कप्तान बन गए, इसके साथ ही चौहान ने राज्य में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।
एक नजर शिवराज के अब तक के सियासी सफर पर...
शिवराज सिंह चौहान का जन्म सिहोर में हुआ था...
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सिहोर जिले के जैत नामक गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई था। किरार राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रेम सिंह कृषक थे। शिवराज की चौथी तक की शिक्षा-दीक्षा गांव से ही हुई थी।
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गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं शिवराज सिंह चौहान
इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे भोपाल आ गए और यहां के मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल से आगे की पढ़ाई की, यहां पढ़ाई करते हुए 1975 में वे स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष चुने गए। उच्चतर शिक्षा के लिए शिवराज ने भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और दर्शनशास्त्र मास्टर्स डिग्री कंप्लीट की। शिवराज बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके हैं।
पांच बार सांसद रह चुके हैं शिवराज सिंह चौहान
शिवराज ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं और वे 13 साल की आयु में 1972 में आरएसएस में शामिल हुए और तब से लेकर आज तक वे अलग-अलग स्वरूपों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, वे मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं।
चौथी बार बने एमपी के कप्तान
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, इसके बाद शिवराज सिंह चौहान 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने, 8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम की कुर्सी संभाली और आज 23 मार्च 2020 को वो चौथी बार सीएम बने हैं।
ऐसा रहा है मामा का सफर
एमपी की राजनीति में मामा के नाम से लोकप्रिय शिवराज सिंह चौहान पहली बार विधायक 1990 में हुए उपचुनाव में जीतकर बने थे, बुधनी विधानसभा सीट से उन्होंने जीत हासिल की थी, शिवराज सिंह चौहान 2005 में बीजेपी मध्य प्रदेश के अध्यक्ष नियुक्त किए गए, इसके बाद शिवराज 2008 में दोबारा से प्रचंड जीत के साथ मुख्यमंत्री बने और 2013 में शिवराज ने तीसरी बार लगातार जीत दर्ज की और तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, हालांकि अब 15 महीने के बाद कमलनाथ की विदाई और बीजेपी की वापसी हुई है तो सत्ता की कमान फिर से शिवराज के हाथ में आ गई।
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