शिवराज का राज खत्म करने के लिए कांग्रेस ने बसपा से तालमेल के लिए उठाया पहला कदम
कर्नाटक और यूपी उपचुनाव में भाजपा की हार से उत्साहित कांग्रेस ने अब मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती संग गठबंधन कर शिवराज से सत्ता छीनने की तैयारी शुरू कर दी है।
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नई दिल्ली। कर्नाटक में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद सरकार बनाने से चूकी भाजपा के लिए यूपी के कैराना और नूरपुर की हार डबल झटका लेकर आई है। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिली इस हार ने जहां भाजपा के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं विपक्ष को एकजुट होने के लिए नई संजीवनी भी दे दी है। कर्नाटक और यूपी उपचुनाव में भाजपा की हार से उत्साहित कांग्रेस ने अब मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती संग गठबंधन कर शिवराज से सत्ता छीनने की तैयारी शुरू कर दी है।
2019 से पहले सत्ता का सेमीफाइनल
मध्य प्रदेश में पिछले 15 सालों से भाजपा की सरकार है और इस साल के आखिर में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव ठीक पहले होने वाले मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों को सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, दोनों दलों के बीच गठबंधन की बातचीत अभी बेहद शुरुआती दौर में है, लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा को मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर करने के लिए बसपा और कांग्रेस मिलकर विधानसभा के सियासी संग्राम में उतर सकते हैं।
एमपी के लिए क्या है कांग्रेस की प्लानिंग?
लोकसभा के आम चुनावों से पहले देश के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन कांग्रेस विशेष तौर पर मध्य प्रदेश में मायावती से गठबंधन को लेकर उत्सुक है। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले 20 सालों से मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी करीब 7 फीसदी वोट शेयर हासिल करती रही है। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर मायावती का यह 7 फीसदी वोट बैंक उसके 36 फीसदी वोट शेयर के साथ मिल जाए तो वह 45 प्रतिशत वोट शेयर वाली भाजपा को सत्ता से बाहर कर सकती है।
गठबंधन को लेकर क्या सोच रही हैं मायावती?
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि विधानसभा चुनाव में अगर विपक्ष ने कोई बहुत बड़ी गलती नहीं की, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर भाजपा के वोट शेयर में से कुछ हिस्सा जरूर कम करेगी। सूत्रों का कहना है कि बसपा सुप्रीमो मायावती भी कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रस्ताव स्वीकार कर सकती हैं। दरअसल, मायावती ना केवल मध्य प्रदेश, बल्कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कांग्रेस के साथ एक महागठबंधन बनाने के मूड में हैं। छत्तीसगढ में बसपा अभी तक 5 फीसदी और राजस्थान में 4 फीसदी वोट शेयर हासिल करती रही है।
सीटों को लेकर ये है कांग्रेस की राय
हालांकि कांग्रेस अभी सीटों के बंटवारे के बारे में बात नहीं कर रही है, लेकिन पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि अगर दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार में सीट जीतने की क्षमता है तो वह उन्हें सम्मानजनक सीटें देने को तैयार है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी छत्तीसगढ़ में तो गठबंधन की संभावनाओं पर विचार करने के लिए तैयार है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं को राजस्थान में गठबंधन पर आपत्ति है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस गठबंधन में दूसरे गैर-भाजपाई दलों को शामिल करने को भी राजी है, एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एक बड़ी तस्वीर को सामने रखते हुए ही गठबंधन की प्रकृति, आकार और फैलाव पर फैसला लिया जाएगा।
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