इमरान खान के बयान पर भड़के नसीरुद्दीन शाह, कहा-पहले अपना देश संभालो फिर नसीहत देना
'मिस्टर इमरान खान,पहले अपना देश संभालो फिर नसीहत देना'
मुंबई। हिंदी सिनेमा के प्रख्यात अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को उस वक्त लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा जिस वक्त उन्होंने कहा कि उन्हें इस देश में अब डर लगने लगा है, समाज में जहर घुल गया है, लोगों ने शाह को उनके इस बयान के लिए ट्रोल भी किया, लोगों ने उनके खिलाफ बयानबाजी करते हुए लिखा कि नसीर साहब राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं, तमाम तरह के सवालों में घिरे नसीरूद्दीन शाह अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल में विरोध के चलते हिस्सा भी नहीं ले पाए और उन्हें वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये अपनी किताब को लॉन्च करना पड़ा।
नसीरूद्दीन शाह ने लगाई इमरान खान को लताड़
इसी बीच इस बहस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कूद पड़े, जिन्होंने शाह वाले मामले को जिन्ना से जोड़कर ऐसा बयान दिया, जिस पर उल्टा नसीरुद्दीन शाह ही उन पर भड़क गए।
मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा
बता दें कि लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान इमरान खान ने कहा कि वो मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक किया जाता है, उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि वो भारत में नहीं रहना चाहते, क्योंकि वहां मुस्लिमों को बराबरी का दर्जा नहीं दिया जाएगा।
'भारत के मसलों में पड़ने की जरूरत नहीं है मि.खान'
जिसके बाद नसीरूद्दीन ने इमरान खान को जमकर लताड़ लगाई है, एक इंटरव्यू में शाह ने कहा कि पहले वो अपना घर संभाले, भारत के मसलों में पड़ने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि मिस्टर खान को सिर्फ उन मुद्दों पर ही बात करनी चाहिए जो उनके देश से संबंधित हैं, न कि उन मुद्दों पर जिनका उनसे वास्ता ही नहीं है। हम अपने देश में काफी खुश और शांति से हैं, उन्हें हमारी चिंता करने की जरूरत नहीं है, हम पिछले 70 सालों से एक लोकतंत्र हैं और जानते हैं कि हमें अपनी देखभाल कैसे करनी है।
'ये देश मेरी मातृभूमि है, मैं देशद्रोही नहीं हूं'
इसके बाद शाह ने अपने मसले पर सफाई देते हुए फिर से अपनी बात दोहराई और कहा कि ये देश मेरा भी है और इसके लिए मुझे शोर मचाने की जरूरत नहीं, मैंने सिर्फ घटनाक्रम पर अपने विचार लोगों के सामने रखे थे, जिसे दूसरी दिशा में मोड़ दिया गया। ये देश मेरी मातृभूमि है, मैं देशद्रोही नहीं हूं, मुझे देश की आलोचना करना दुख भरा लगता है मगर अगर मुझे कुछ गलत लगेगा तो मैं इसके बारे में जरूर बोलूंगा, मैं देश के भविष्य को लेकर फिक्रमंद हूं, मेरी 4 पुरखें इस देश में जन्मीं हैं, मेरा जन्म यहां हुआ है, मेरे बच्चे यहां रहेंगें, मैं इस देश से बहुत प्यार करता हूं और मुझे इसका शोर मचाने की जरूरत नहीं है।
'आज देश में एक गाय की अहमियत पुलिस ऑफिसर की जान से ज़्यादा'
मालूम हो कि एक वेबसाइट से बातचीत करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि हमने बुलंदशहर हिंसा में देखा कि आज देश में एक गाय की मौत की अहमियत पुलिस ऑफिसर की जान से ज़्यादा होती है, मुझे इस बात से डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान?
आज देश की स्थिति काफी खराब हो गई है-शाह
मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा और उसके बाद भीड़ कुछ भी कर सकती है और हम में से कोई कुछ नहीं कर पाएगा। आज देश की स्थिति काफी खराब हो गई है, इस वक्त पूरे समाज में जहर फैल चुका है। आज गाय की जान इंसान से ज्यादा कीमती है। उन्होंने कहा कि आज कानून हाथ में लेने की खुली छूट है। कोई कहीं भी, कभी भी, किसी को भी, मार देता है और कोई कुछ नहीं करता है। उन्होंने कहा कि मुझे डर नहीं लगता लेकिन देश के हालात से मुझे गुस्सा आता है, अपने बच्चों के लिए फिक्र होती है।
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