मोदी के मंत्री बने अमित शाह तो भाजपा अध्यक्ष के हैं ये दो दावेदार
अगर अमित शाह मंत्री बनते हैं तो भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए दो नाम सबसे आगे हैं।
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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाकर लौटी भारतीय जनता पार्टी ने सरकार गठन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत जल्द राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं। भाजपा ने पहली बार 303 सीटें हासिल करते हुए अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा छुआ है। मोदी लहर और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की चुनावी रणनीति के सामने विपक्ष एकदम असहाय नजर आया। खबर है कि पार्टी को मिली इस बंपर जीत के बाद अमित शाह को सरकार में गृह मंत्रालय का प्रभार दिया जा सकता है। अगर अमित शाह गृह मंत्री बनाए जाते हैं तो फिर उन्हें भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। लेकिन...फिर सवाल उठता है कि अगला भाजपा अध्यक्ष कौन होगा? इस पद के लिए दो नाम सबसे आगे हैं।
ये हैं वो दो लोग, जिनके नाम चर्चा में
दरअसल, जिस समय अमित शाह को गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से उतारा गया, उसी समय ये अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि अगर भाजपा सत्ता में लौटी तो उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। अब जब एनडीए फिर से सरकार बनाने के लिए तैयार है तो सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अमित शाह को मोदी सरकार में अहम जिम्मेदारी देते हुए गृह मंत्रालय का प्रभार सौंपा जा सकता है। मंत्रिमंडल में शामिल होने पर उन्हें भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। ऐसी परिस्थितियों में भारतीय जनता पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए जो दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वो हैं- जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव। ये दोनों ही नेता पार्टी में बेहद खास माने जाते हैं और कई अहम मौकों पर अमित शाह इन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंप चुके हैं।
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16वीं लोकसभा भंग, सरकार का दावा पेश करेंगे मोदी
आपको बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 353 सीटों पर जीत हासिल की है, इनमें से 303 सीटों पर भाजपा जीती है। सूत्रों की मानें तो भाजपा ने सरकार गठन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 7 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पीएम मोदी के साथ उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा स्वीकार किया और साथ ही नई सरकार के गठन तक पीएम मोदी से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के लिए कहा। वहीं, शनिवार को 16वीं लोकसभा को भंग कर दिया गया और मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नवनिर्वाचित सांसदों की सूची सौंपी।
17 राज्यों में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का 17 राज्यों में खाता भी नहीं खुला है। वहीं, कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए हैं। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में शीला दीक्षित, उत्तराखंड में हरीश रावत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। हार के बाद कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन कमेटी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
'हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का वक्त'
कांग्रेस को मिली करारी हार का असर भी पार्टी पर दिखने लगा है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। पहले यूपी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजा और उनके बाद कर्नाटक में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एच के पाटिल ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अपने पद से इस्तीफा देते हुए एचके पाटिल ने कहा, 'यह वक्त हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का है। मुझे लगता है कि जिम्मेदारी निभाना मेरा नैतिक कर्तव्य है, इसलिए मैं पार्टी में अपने पद से इस्तीफा सौंपता हूं।' वहीं राज बब्बर ने कहा कि यूपी के परिणाम कांग्रेस के लिए काफी निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस हार की नैतिक तौर पर जिम्मेदारी लेता हूं। राज बब्बर खुद भी यूपी की फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव हारे हैं।