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तेज बहादुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

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नई दिल्ली। वाराणसी लोकसभा सीट से गठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) का पर्चा रद्द हो गया था जिसपर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था। तेज बहादुर की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई, सुप्रीम कोर्ट ने तेज बहादुर का नामांकन रद्द किए जाने के मामले में चुनाव आयोग से कल तक (9 मई) तक जवाब मांगा है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पीएम मोदी के खिलाफ तेज बहादुर को वाराणसी से चुनाव मैदान में उतारा था।

lok sabha elections 2019: supreme court asks ec to examine tej bahadurs plea by 9th may

तेज बहादुर ने याचिका में वाराणसी संसदीय सीट से अपना नामाकंन खारिज किए जाने के आयोग के फैसले को अतार्किक बताते हुए इसे रद्द किये जाने की मांग की थी। निर्वाचन अधिकारी ने 1 मई को तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र खारिज कर दिया था, जिस पर यादव का कहना था कि नरेंद्र मोदी की जीत सुनिश्चित करने की मंशा से उनका नामांकन पत्र एक साजिश के तहत रद्द किया गया।

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तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में दी है फैसले को चुनौती

तेज बहादुर यादव ने वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि निर्वाचन अधिकारी के निर्णय को खारिज किया जाए तथा शीर्ष अदालत याचिकाकर्ता को हाई प्रोफाइल वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अनुमति दे, जहां 19 मई को मतदान होना है। निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि यादव को ये प्रमाण पत्र देना जरूरी था कि उन्हें भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के लिए बर्खास्त नहीं किया गया है लेकिन यादव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे।

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दरअसल तेज बहादुर ने वाराणसी लोकसभा सीट से दो बार नामांकन दाखिल किया, जिसमें पहली बार उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था। जबकि दूसरी बार वे सपा के टिकट पर नामांकन किए। लेकिन इन दोनों के नामांकन में तेजबहादुर ने जो जानकारी दी वो अलग-अलग थीं। तेज बहादुर ने जब दोबारा नामांकन किया तो इस बार के हलफनामे में उन्होंने बीएसएफ से निकाले जाने की जानकारी नहीं दी, जबकि पहली बार के हलफनामे में उन्होंने यह बात लिखी थी।

चुनाव आयोग ने रद्द किया था नामांकन

तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। चुनाव आयोग ने 1 मई को यादव का नामांकन रद्द कर दिया था। वाराणसी के निर्वाचन अधिकारी ने यादव द्वारा दाखिल नामांकन के दो सेटों में विसंगति को लेकर नोटिस जारी किया था और उनके जवाब से संतुष्ट ना होने पर पर्चा रद्द कर दिया था।

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तेज बहादुर यादव 2017 में चर्चा में आए थे, जब जवानों को खराब खाना दिए जाने संबंधी एक उन्होंने इंटरनेट पर डाला था। ये वीडियो काफी वायरल हुआ था। इसके बाद उन्हें नौकरी से सीमा बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद वो मौजूदा चुनाव में मोदी के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद से चर्चा में हैं।

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English summary
lok sabha elections 2019: supreme court asks ec to examine tej bahadur's plea by 9th may
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