2019 से पहले फिर एक्शन में भीम आर्मी के चंद्रशेखर, ये है 6 दिसंबर का प्लान
भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ने यूपी की दलित राजनीति को फिर से हवा देने के लिए 6 दिसंबर से एक खास रणनीति बनाई है।
नई दिल्ली। भीम आर्मी के संस्थापक और पिछले दिनों ही जेल से रिहा हुए चंद्रशेखर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर एक्शन में आ गए हैं। भाजपा पर पूरी तरह हमलावर रहने वाले चंद्रशेखर ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की दलित राजनीति को फिर से हवा देने के लिए एक खास रणनीति बनाई है। दरअसल चंद्रशेखर आगामी 6 दिसंबर से एक देशव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। इस आंदोलन के जरिए 2 अप्रैल को हुए भारत बंद के दौरान जेल में बंद किए गए दलित कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की जाएगी। चंद्रशेखर का कहना है कि अगर जेल में बंद दलित कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया जाता को आंदोलन बड़ा रूप लेगा।
'जेल में बंद बेकसूर दलितों के लिए है आंदोलन'
आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए चंद्रशेखर ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में देशभर के दलितों ने बीते 2 अप्रैल को शांतिपूर्वक भारत बंद का ऐलान किया था। इस बंद के बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में बेकसूर दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं को झूठे आरोपों में पकड़कर जेल में बंद कर दिया गया। इन लोगों का किसी भी तरह की हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था। इन सभी लोगों की रिहाई की मांग को लेकर भीम आर्मी आगामी 6 दिसबंर से देशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी। आंदोलन के दौरान सरकार और प्रशासन से मांग की जाएगी कि जेल में बंद बेगुनाह दलित कार्यकर्ताओं और नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए।
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चंद्रशेखर की रैली से बसपा ने बनाई दूरी
इसके अलावा यूपी के बिजनौर में भी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आगामी 19 नवंबर को एक बड़ी रैली करने वाले हैं। इस रैली में बड़ी संख्या में लोगों को बुलाने के लिए भीम आर्मी के कार्यकर्ता काफी जोरशोर से तैयारी कर रहे हैं। वहीं रैली के लिए बसपा से निष्कासित कुछ नेता भी लोगों से संपर्क करने में जुटे हैं। हालांकि रैली से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेताओं ने दूरी बनाई हुई है। सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से दो टूक शब्दों में कहा कि बसपा का कोई भी कार्यकर्ता भीम आर्मी या चंद्रशेखर के किसी भी कार्यक्रम या रैली में शामिल ना हो। मायावती इससे पहले भी भीम आर्मी को लेकर सार्वजनिक तौर पर बयान दे चुकी हैं कि उनका इस संगठन से कोई लेना-देना नहीं है।
वेस्ट यूपी में दलित-मुस्लिम समीकरण की तैयारी
आपको बता दें कि जेल से रिहा होने के बाद चंद्रशेखर लगातार पश्चिम यूपी में एक्टिव नजर आ रहे हैं। अभी पिछले दिनों ही चंद्रशेखर ने देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलान अरशद मदनी से मुलाकात की। दोनों के बीच बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक बातें हुईं। पहले कांग्रेस नेता इमरान मसूद और उसके बाद मौलाना अरशद मदनी से चंद्रशेखर की मुलाकात को एक बड़ी सियासी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि चंद्रशेखर पश्चिमी यूपी में दलित-मुस्लिम समीकरण बनाकर भाजपा को हराने की योजना पर काम कर रहे हैं। जेल से छूटने के बाद चंद्रशेखर लगातार मुस्लिम नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
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