दिल्ली: RTI से खुलासा- केजरीवाल सरकार ने बढ़ाया शराब कारोबार, विरोध शुरू
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों में इजाफा हुआ है। स्वराज अभियान की ओर से दाखिल की गई आरटीआई के जवाब से यह खुलासा हुआ है। संगठन ने कोटला-मुबारकपुर में शराब की दुकान बंद करने की मांग भी की है। आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने जनता के विरोध के बावजूद शराब की दुकान का लाइसेंस जारी किया है।
AAP से निष्कासित नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की अगुवाई वाले इस संगठन ने आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी कि केजरीवाल सरकार के आने के बाद राजधानी में शराब की दुकानें कितनी बढ़ी हैं। इसके जवाब में बताया गया कि AAP सरकार के सत्ता में आने के बाद 14 फरवरी 2015 से लेकर 4 जून 2016 के बीच शराब की 58 नई दुकानें खोली गई हैं।
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विज्ञापन
को
लेकर
भी
उठा
सवाल
स्वराज
अभियान
ने
आरोप
लगाया
कि
आम
आदमी
पार्टी
ने
दिल्ली
को
शराब
मुक्त
बनाने
की
बात
कहकर
वोट
मांगे
थे,
और
सत्ता
में
आने
के
बाद
अपने
वादे
से
मुकर
रहे
हैं।
संगठन
के
मीडिया
प्रभारी
अनुपम
ने
बताया
कि
एक्साइज
डिपार्टमेंट
ने
कुल
7।76
लाख
रुपये
शराब
की
लत
छुड़ाने
के
जागरूकता
विज्ञापनों
में
खर्च
करने
का
दावा
किया
है,
लेकिन
इसके
संबंध
में
कोई
ठोस
जानकारी
नहीं
दी।
नहीं
मिला
इस
सवाल
का
जवाब
आरटीआई
में
यह
भी
पूछा
गया
था
कि
मुख्यमंत्री
अरविंद
केजरीवाल,
डिप्टी
सीएम
मनीष
सिसोदिया
और
विधानसभा
के
विपक्ष
के
नेता
विजेंद्र
गुप्ता
की
विधानसभा
में
कितनी
शराब
की
नई
दुकान
खोली
गईं
हैं?
हालांकि
इस
सवाल
का
जवाब
नहीं
दिया
गया।
मीडिया
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
केजरीवाल
सरकार
ने
करीब
सवा
साल
में
शराब
की
खपत
में
बढ़ोतरी
से
करीब
15
अरब
से
ज्यादा
की
कमाई
की
है।