जिस तरह लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है, प्राकृतिक ईंधन के स्रोत कम होते जा रहे हैं और हरियाली खत्म सी होती नजर आ रही है, ऐसे में ऊर्जा के स्थाई स्रोत ही आज की जरूरत हैं। वर्चस्व भारत की पहली ऐसी कंपनी है, जो घरेलू बिजली के लिये सौर्य ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देती है और जन-जन तक पहुंचाने का काम करती है। बिजली की खपत के मामले में भारत विश्व में चौथे नंबर पर है। यहां बिजली की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। प्राकृतिक स्रोतों से इस डिमांड को पूरा करना अब कठिन हो गया है। इसी कारण बिजली की कमी जगह-जगह देखने को मिल रही है। ऐसे में सौर्य ऊर्जा देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
वर्चस्व के कई उत्पाद बाजार में हैं, जो विभिन्न प्रकार से सौर्य ऊर्जा की सेवाएं प्रदान करने के लिये जानी जाती हैं। जैसे ईपीएस सर्विस, सोलर रूफटॉप और सोलर प्लांट को लगाने से लेकर उसके संचालन एवं उसके रखरखाव का कार्य।
कंपनी की स्थापना 2011 में हुई थी, और तभी से सोलर पावर यानी सौर्य ऊर्जा एवं बिजली के क्षेत्र की यह एक बेहद संगठित कंपनी बन गई।
वर्चस्व की टीम में सभी के पास अच्छा अनुभव है। अपने इसी अनुभव के बल पर कंपनी 100 मेगावॉट तक का इंस्टॉलेशन कर चुकी है, जो न केवल संचालित किये जा रहे हैं, बल्कि लोगों को उनकी जरूरतों के मुताबिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इस टीम ने कई सौर्य परियोजनाओं का संचालन किया है, जिनमें रूफटॉप और ग्राउंड माउंटेड एसपीवी प्लांट भी शामिल हैं। कंपनी ने राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में 80 किलोवॉट से लेकर 10 मेगावॉट तक की परियोजनाओं पर सफलतापूर्वक कार्य किया है। इस कंपनी ने हॉस्पिटैलिटी, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में कार्यरत अन्य कंपनियों को भी सेवाएं मुहैया करायी हैं।
सौर्य ऊर्जा यूनिट परियोजनाओं की स्थापना, संचालन एवं रखरखाव के अलावा, वर्चस्व बिना थके लोगों को सौर्य ऊर्जा और पुन: प्रयोग में लाये जा सकने वाले ऊर्जा स्रोतों के प्रति जागरूक भी करने का कार्य भी कर रही है। भारत में सौर्य ऊर्जा के क्षेत्र में विस्तार की बहुत अधिक संभावनाएं हैं, क्योंकि देश के अधिकांश भाग में खिली धूप से युक्त मौसम रहता है।
सौर्य ऊर्जा को संरक्षित किया जा सकता है और इससे कार्बन भी उत्सर्जित नहीं होता है। यह भारत का सबसे आकर्षक और पुन: प्रयोग में लाया जा सकने वाला ऊर्जा स्रोत है।