क्या दोषी नेताओं पर लगा दिया जाए लाइफ टाइम बैन?, SC ने मांगी राय
नई
दिल्ली।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दोषी
नेताओं
पर
आजीवन
प्रतिबंध
लगाने
की
मांग
करने
वाली
जनहित
याचिका
पर
मोदी
सरकार
और
चुनाव
आयोग
से
उनका
विचार
मांगा
है।
याचिका में एक साल के अंदर केसों की सुनवायी करके दोषी पाए जाने वाले नेताओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी है। याचिका में कहा गया है कि 34 फीसदी सांसदों में खिलाफ आपराधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं लेकिन इस समस्या के निपटारे के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है।
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भाजपा प्रवक्ता ने दायर की है याचिका
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर किया है। इस याचिका में उन्होंने कहा है कि कम से कम 25 फीसदी सांसदों पर रेप, हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, डकैती और फिरौती जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।
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याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर कोई नौकरशाह और न्यायिक अधिकारी कानून के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे उसके कार्य से मुक्त कर दिया जाता है लेकिन नेताओं के साथ ऐसा नहीं है। दोषी होने के बावजूद वे अपने पद पर बने रहते हैं।
अश्विनी उपाध्याय ने राजनीति में बढ़ती भ्रष्टाचार पर भी चिंता जाहिर की है। इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और आरएफ नरीमन की पीठ ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है और उनकी राय मांगी है।