खालिस्तान समर्थक अब कनाडा में भारतीयों को बना रहे हैं निशाना, मोदी सरकार ऐक्शन में
नई दिल्ली: 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, अलगाववादी खालिस्तान समर्थकों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। अब कनाडा में रह रहे प्रवासी भारतीयों और वहां रह रहे भारतीय समुदाय को खालिस्तान अलगाववादी संगठनों से तरह-तरह की धमकियां मिल रही हैं। यह मामला इतना गंभीर हो चुका है कि अब कनाडा में रह रहे भारतीय की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार भी ऐक्शन में आ गई है। भारतीय उच्चायोग ने अपने नागरिकों और वहां के भारतीय समुदाय के लोगों से कहा है कि किसी भी धमकी या घटना की सूचना फौरन स्थानीय पुलिस और हाई कमीशन को दें। गौरतलब है कि हाल ही में कनाडा के पीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना की वैक्सीन की आवश्यकता बताई थी और कोविड से जंग में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के प्रयासों की काफी तारीफ की थी।
कनाडा में भारतीय समुदाय को मिल रही हैं धमकियां
कनाडा में रह रहे प्रवासी भारतीयों के संगठन नेशनल एलायंस ऑफ इंडो-कनेडियंस ने वहां के पब्लिक सेफ्टी और इमरजेंसी प्रेपेयर्डनेस मंत्री बिल ब्लेयर को लिखकर खालिस्तानी समर्थकों से अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। सीएनएन-न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस खत में कनाडा सरकार से गुहार लगाई गई है कि कनाडा में रहने वाले हिंदुओं और सिखों के खिलाफ किए जा रहे संगठित हमलों के खिलाफ संघीय स्तर पर कार्रवाई किया जाए। कनाडा के मंत्री को लिखे खत में वहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने शिकायत की है कि, 'ऐसी कई रिपोर्ट हैं कि इंडियन-कनेडियंस, जो कि (कृषि) कानूनों के खिलाफ तर्कों की आलोचना करते हैं या अपनी विरासत की भूमि-भारत और अपनाई गई भूमि-कनाडा के बीच संबंध बेहतर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, उन्हें ऑनलाइन डराया जा रहा है, उनके परिवार की महिलाओं के साथ रेप समेत हिंसा की धमकियां दी जा रही हैं और यहां तक हो रहा है कि कुछ तत्व तो कनाडा के नागरिकों के घरों और दफ्तर तक जुट जा रहे हैं।'
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भारतीय उच्चायोग हुआ सक्रिय
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसके पास इन धमकियों वाले कई वीडियो और ऑडियो भी मौजूद हैं, जिसमें वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों के साथ हिंसा करने की बात कहकर डराया जा रहा है। बहरहाल भारत सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और वहां रहे रहे प्रवासी भारतीय समुदाय के नेताओं और उनके बुजुर्गों को लिखा है। कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने 15 फरवरी को ई-मेल के जरिए भारतीय समुदाय को उन्हें मिल रही धमकियों का संज्ञान में लेते हुए हर मदद का भरोसा दिया है। इस ई-मेल में उन्होंने लिखा है, 'हम आपसे गुजारिश करते हैं कि समुदाय को बता दें कि अगर भारतीय नागरिक को ऐसी किसी हिंसा की धमकी मिलती है या डराया जाता है, उन्हें मामले की शिकायत लोकल पुलिस के पास पूरे ब्योरे के साथ दर्ज करानी चाहिए और हमें भी इसकी तुरंत जानकारी दें। हम पहले ही कनाडा के अधिकारियों के साथ कनाडा में रह रहे इंडियन स्टूडेंट्स समेत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा उठा चुके हैं।'
एंटी-हेट-लॉ के तहत सुरक्षा मांगने को कहा
भारतीय उच्चायुक्त ने भारतीय प्रवासियों के नेताओं से यह भी गुजारिश की है कि अगर ऐसी धमकियां उन्हें मिलती हैं, जो भारतीय नागरिक नहीं है तो उनकी भी सहायता करें। चिट्टी में उनसे कहा गया है, 'आप उनसे कह सकते हैं कि फौरन कनाडा के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस से संपर्क करें और कनाडा के एंटी-हेट लॉ के तहत सुरक्षा की मांग करें। उन्हें ऐसी घटनाओं की जानकारी भारतीय सामुदायिक संगठनों से साझा करनी चाहिए, ताकि वे संगठन इस बात की जानकारी कनाडा के अधिकारियों और लीडरशिप तक पहुंचा सकें।' बता दें कि शुरू में कनाडा सरकार ने किसान आंदोलन में दखल देने की कोशिश की थी। लेकिन, जब भारत सरकार ने सख्त ऐतराज जताया तो वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का सुर बदल गया था और भारत सरकार की तारीफ की थी।
भारत ने दिया है वैक्सीन उपलब्ध कराने का भरोसा
हाल ही में कनाडा को जब भारत से कोरोना वैक्सीन की दरकार पड़ी तो वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जानकारी दी। इसपर पीएम मोदी ने उन्हें वैक्सीनेशन में हर संभव मदद का भरोसा दिया है। उन्होंने पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा था कि अगर दुनिया कोविड-9 से निपटने में सफल हो पा रही है तो उसमें भारत की क्षमता और प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप का बहुत बड़ा योगदान है।
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