गले मिलकर बधाई देने को 'सांड' की हरकत बता स्कूल ने छात्र-छात्रा को किया निष्कासित, केरल हाईकोर्ट ने भी माना सही
गले मिल बधाई देने पर स्कूल ने छात्र-छात्रा को किया निष्कासित
तिरुवनंतपुरम। केरल के एक स्कूल ने छात्र-छात्रा को इसलिए एक सप्ताह के लिए निष्कासित कर दिया क्योंकि छात्र ने छात्रा को प्रतियोगिता जीतने पर गले लगाकर बधाई दी थी। इतना ही नहीं केरल हाईकोर्ट ने भी मामले को सुनने के बाद स्कूल प्रशासन के फैसले को सही माना है। मामला केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस सेंट्रल स्कूल का है। स्कूल में जुलाई के महीनें में गायन की एक प्रतियोगिता हुई थी। जिसे एक छात्रा ने जीता। छात्रा की 16 साल के छात्र से दोस्ती है। ऐसे में छात्र ने स्कूल की सीढ़ियों पर छात्रा को गले लगाते हुए उसके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बधाई दी।
शिक्षिका ने की प्रिंसिपल से शिकायत
स्कूल में आयोजित गायन प्रतियोगिता खत्म होने के बाद छात्र-छात्रा स्कूल की सीढ़ियों से उतर रहे थे, तो छात्र ने छात्रा को गले लगाकर बेहतर प्रदर्शन के लिए उसे बधाई दी। वहां से गुजर रही एक शिक्षिका ने दोनों को गले मिलते हुए देख लिया था। शिक्षिका ने वाइस प्रिंसिपल से दोनों की शिकायत कर दी। वाइस प्रिंसिपल ने इसे अनुशासनहीनता माना। छात्र और छात्रा को स्कूल प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए स्कूल से निष्कासित कर दिया।
छात्र से पिता के सामने दुर्व्यवहार
छात्र ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना ही स्कूल ने अपना आदेश दे दिया। उसने कहा कि लिखित में माफीनामा भी लिया गया और फिर निष्कासित भी कर दिया गया। मामला बढ़ा तो छात्र के पिता को स्कूल बुलाया गया। छात्र के पिता का कहना है कि उनके सामने बेटे से स्कूल टीचर ने दुर्व्यवहार किया गया और उसकी हरकत को सांड जैसी बताया। छात्र के पिता ने स्कूल के इस बर्ताव पर बाल अधिकार आयोग से संपर्क साधा।
केरल हाईकोर्ट ने स्कूल को माना सही
छात्र के पिता की शिकायत पर आयोग ने चार अक्टूबर को अपने अंतरिम आदेश में इस घटना से छात्र की पढ़ाई बाधित न होने का अंतरिम आदेश दिया लेकिन स्कूल ने फैसले को मानने से इंकार कर दिया इसके बाद छात्र के पिता उन्होंने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने इस पर सुनवाई की और 12 दिसंबर को बाल आयोग के अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए स्कूल के फैसले को सही ठहराया।
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