Kerala BJP Masterplan: ईसाइयों-मुसलमानों के बीच पैठ की कवायद, PM से मिला मंत्र- Sneha Samvaad करेंगे भाजपाई!
भाजपा केरल में भी अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है। सूत्रों के अनुसार इसके लिए मास्टरप्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत प्रदेश के ईसाइयों, मुसलमानों तक व्यापक पहुंच की कवायद हो रही है।
Kerala BJP Masterplan: देशभर में राजनीतिक जनाधार बढ़ाने का प्रयास कर रही भाजपा अब ईसाइयों और मुसलमानों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास में जुटी है। केरल की सियासी गतिविधियों के बारे में राजनीतिक दल से जुड़े सूत्रों ने कहा कि 15 अप्रैल को विशु के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों में ईसाइयों को आमंत्रित किया जाएगा।
पूर्वोत्तर में मिली जीत से उत्साहित
पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनाव में मिली कामयाबी से उत्साहित भाजपा बड़े पैमाने पर जनसंपर्क कार्यक्रम पर जोर दे रही है। केरल में जीतने की कोशिशों में जुटी बीजेपी अब मास्टरप्लान के तहत काम कर रही है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा दो प्रमुख गैर-हिंदू समुदायों-मुस्लिम और ईसाई को गले लगाने की योजना बना रही है। दोनों को मिलाकर केरल की 46 प्रतिशत आबादी बनती है। इनके बीच पैठ बढ़ाना ऐसे राज्य में पहचान बनाने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है जो परंपरागत रूप से वामपंथियों और कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है।
बीजेपी अपनी पैठ बनाने में असफल
भाजपा ने 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले केरल में जनसंपर्क के प्रयास बढ़ाए थे, लेकिन अभी तक विधानसभा सीटों के लिहाज से पार्टी को सफलता नहीं मिल सकी है। दूसरे शब्दों में वोटर्स के बीच बीजेपी अपनी पैठ बनाने में असफल रही है।
केरल की लोक सभा सीटों पर किसका कब्जा
बीजेपी ने सबरीमाला मुद्दे पर जोरदार आंदोलन किया था। इसके बावजूद पार्टी को राजनीतिक सफलता नहीं मिली है। कांग्रेस ने राज्य की 20 लोकसभा सीटों में से 15 पर जीत हासिल की थी। चार और सीटों पर कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों को जीत मिली थी। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दो और केरल कांग्रेस (मणि समूह) और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को एक-एक सीट मिली थी। इस चुनाव परिणाम को धार्मिक मुद्दों पर बीजेपी के रुख की अस्वीकृति के रूप में भी देखा गया।
10 हजार भाजपा कार्यकर्ता ईसाइयों के घर जाएंगे
भले ही केरल में दक्षिणपंथी समर्थकों और वामपंथियों के बीच सांप्रदायिक संघर्ष की कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन इसके बावजूद इस राज्य में भाजपा का राजनीतिक जनाधार नहीं बढ़ा है। लोक सभा चुनाव के तीन साल बाद एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इस बार बड़े आउटरीच कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। इसमें भाजपा कार्यकर्ता ईस्टर सप्ताह पर ईसाइयों के घर जाएंगे। 9 अप्रैल, ईस्टर रविवार है, इस दिन 10 हजार भाजपा कार्यकर्ता एक लाख ईसाइयों के घर जाएंगे।
मुसलमानों के घर जाने और ईसाइयों को आमंत्रित करने की योजना
सूत्रों ने कहा कि पिछले साल, क्रिसमस सप्ताह के दौरान, हजारों भाजपा कार्यकर्ता ईसाइयों के घर उपहार लेकर गए थे। अप्रैल के तीसरे हफ्ते में ईद पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मुसलमानों के घर भी जाएंगे। 15 अप्रैल को विशु के त्योहार पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के घरों में ईसाइयों को आमंत्रित किया जाएगा।
पीएम मोदी का दिमाग- केरल में अल्पसंख्यकों के साथ "स्नेह संवाद"
भाजपा नेताओं का कहना है कि आम लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है, वहीं सत्तारूढ़ वाम दलों और विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी बीजेपी की इस रणनीति पर कड़ी नजर रख रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा का आउटरीच कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने हैदराबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी कैडर से कहा था कि केरल में अल्पसंख्यकों के साथ "स्नेह संवाद" (sneha samvaad (message of affection) आयोजित किया जाए।
2026 में केरल में विधानसभा चुनाव
पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों में त्रिपुरा में मिली जीत और बाकी दो राज्यों- मेघालय और नागालैंड में भी सरकार बनाने में शामिल बीजेपी केरल में भी चुनावी सफलता पाना चाहती है। पूर्वोत्तर के नतीजों के बाद पीएम मोदी ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि बीजेपी केरल में गठबंधन सरकार बनाएगी। इसे बड़ा संदेश माना जा रहा है क्योंकि 2026 में केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं।
बीजेपी ईसाई समुदाय के समर्थन पर निर्भर
केरल में दो प्रमुख दलों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा था कि वामपंथी और कांग्रेस राज्य में कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं, उन्होंने सहयोगी के रूप में त्रिपुरा चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संकेत दिया कि इस बार केरल में बीजेपी ईसाई समुदाय के समर्थन पर निर्भर करेगी, जिन्होंने पूर्वोत्तर में भाजपा को बहुत समर्थन दिया है।
थैंक्स मोदी VIDEO से लुभाने की कवायद
सूत्रों ने कहा कि भाजपा "धन्यवाद मोदी" कार्यक्रम की भी योजना बना रही है। इसमें राज्य में विभिन्न केंद्रीय परियोजनाओं के लाभार्थियों की गवाही होगी। पहले ही लगभग 12,000 लोग मलयालम में "थैंक्स मोदी" वीडियो भेज चुके हैं।
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