केरल में कितनी सीटों पर खिल सकता है कमल, ओपनियन पोल से उड़ी भाजपा की नींद
केरल विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा सर्वे सामने आया है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा उफान पर है। केंद्र में सरकार चला रही भाजपा की निगाहें विशेष तौर पर दो राज्यों- पश्चिम बंगाल और केरल पर टिकी हैं और इन दोनों राज्यों में जीत के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। 140 विधानसभा सीटों वाले केरल में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा और नामांकन करने की आखिरी तारीख 19 मार्च है। 2 मई को केरल चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बीच केरल विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ा सर्वे सामने आया है।
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एलडीएफ को मिल सकती हैं इतनी सीटें
केरल में इस समय वामपंथी गठबंधन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है। एबीपी सीवोटर ओपिनिय पोल के मुताबिक, केरल में एक बार फिर सीएम पिनारई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार बन सकती है। सर्वे में बताया गया है कि एलडीएफ केरल की 140 सीटों में से 77 से 85 सीटों पर जीत दर्ज करता हुआ नजर आ रहा है।
भाजपा के खाते में कितनी सीटें
वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन यूडीएफ भी मजबूत बढ़त हासिल कर सकता है और उसके खाते में 54 से 62 सीटें जाती हुईं नजर आ रही हैं। इससे पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में यूडीएफ को 47 सीटों पर जीत मिली थी। ओपिनियन पोल के मुताबिक, केरल में भाजपा फिलहाल बेहद खराब स्थिति में हैं और उसे 0 से 2 सीटें ही मिलती हुई नजर आ रही हैं।
वोट शेयर के मामले में नुकसान
हालांकि इस बार दोनों गठबंधनों और भाजपा का वोट बेस कम होता हुआ नजर आ रहा है। सर्वे के मुताबिक, 2016 के मुकाबले इस बार के केरल विधानसभा चुनाव में एलडीएफ को 0.6 फीसदी, यूडीएफ को 0.9 फीसदी और भाजपा को 0.3 फीसदी वोट शेयर का नुकसान हो सकता है। इससे पहले 2016 के केरल विधानसभा चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटों और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 47 सीटों पर जीत मिली थी। केरल विधानसभा में बहुमत के लिए 71 सीटों की जरूरत होती है।