Kavkaz-2020: भारत ने रूस में चीन और पाक सैनिकों के साथ सैन्य अभ्यास करने से किया इनकार
नई दिल्ली। एलएसी पर चीन के साथ गतिरोध के बीच भारत ने रूसी धऱती पर आयोजित होने वाली बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'Kavkaz-2020' में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने रूस को बता दिया है कि वह चीन और पाकिस्तानी सैनिकों वाले मैत्री सैन्य अभ्यास में भाग नहीं लेगा। गत 15 जून को गलवान घाटी में हुए एक हिंसक संघर्ष में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। हालांकि इस संघर्ष में करीब 40 चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
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भारत का बहुपक्षीय युद्धाभ्यास में भाग लेना सही नहीं होगा
रक्षा सूत्रों ने बताया कि साउथ ब्लॉक में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत मौजूद थे और बैठक में तय किया गया कि भारत का बहुपक्षीय युद्धाभ्यास (multilateral exercise) में भाग लेना सही नहीं होगा, जहां चीनी और पाकिस्तानी सैन्यकर्मी भी मौजूद रहेंगे।
दुश्मन चीन के साथ मैत्री सैन्य अभ्यास से दुनिया में गलत संकेत जाएगा
उच्च स्तरीय बैठक में इस पर गहन चिंता जताई गई कि पिछले 5 महीने से चीन के सैनिक भारतीय इलाकों में घुसे हुए हैं और सैन्य- कूटनीटिक वार्ताओं के बावजूद अब तक पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों के मैत्री सैन्य अभ्यास में शामिल होने गलत संदेश जाएगा।
दुनिया का लगेगा भारत अपनी एकता- अखंडता के लिए गंभीर नहीं है
उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया कि इससे दुनिया को लगेगा कि भारत अपनी एकता- अखंडता के लिए गंभीर नहीं है। वह भी तब जब चीनी सैनिकों के साथ 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। हालांकि इस संघर्ष में करीब 40 चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
SCO के मंच पर चीन का विस्तारवादी रवैया उठा सकता है भारत
सूत्रों ने कहा कि भारतीय रक्षा मंत्री शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए 4-6 सितंबर को रूस का दौरा करेंगे, लेकिन यह संभावना नहीं है कि भारतीय प्रतिनिधि अपने चीनी समकक्षों के साथ कोई बातचीत करेंगे। बैठक के दौरान भारत भारतीय सीमा पर चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुद्दा उठा सकता है, लेकिन इस संबंध में एक अंतिम मुलाकात के आस-पास ही लिया जाएगा।
भारत की तीनों सेनाओं के 200 जवानों का संयुक्त दस्ता भाग लेने वाला था
रूस हर साल होने वाले सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए रूस शंघाई सहयोग संगठन और सेंट्रल आसियान देशों को आमंत्रित करता है। रूस ने अपने दक्षिण हिस्से में होने वाले बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 'Kavkaz-2020'के लिए इस बार भारत को आमंत्रित किया था। इस सैन्य अभ्यास में भारत की तीनों सेनाओं के 200 जवानों का संयुक्त दस्ता भाग लेने वाला था, लेकिन सीमा पर तनाव के बीच भारत ने नहीं जाने का फैसला लिया है।
पिछले साल भारत ने चीन, पाकिस्तान के साथ अभ्यास में भाग लिया था
पिछले साल हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास में भारत, चीन, पाकिस्तान और सभी एससीओ सदस्य देशों ने भाग लिया था, लेकिन इस बार अप्रैल में पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में चीन की सेना (PLA) के अतिक्रमण के बाद से स्थितियां बदल गई हैं।