कश्मीर-लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक मजबूत हुई देश की सीमा, BRO के 12 रोड प्रोजेक्ट को जानिए
लखीमपुर, 17 जून: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को देश की उत्तरी और पूर्वी सीमा के इलाकों में स्थित 12 सड़कें राष्ट्र को समर्पित की है, जिसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने किया है। असम के लखीमपुर जिले में आयोजित इस कार्यक्रम में इन सड़कों की अहमियत बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा है, 'ये सड़कें राष्ट्रीय सुरक्षा और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। ' इन 12 सड़कों में से 10 देश के पूर्वी हिस्सों में हैं और दो कश्मीर और लद्दाख में। खास बात ये है कि बीआरओ ने इन सड़कों को जिन प्रोजेक्ट के तहत बनाया है, उनके नाम बेहद खास हैं।
बीआरओ की बनाई 12 सड़कें राष्ट्र को समर्पित
असम के लखीमपुर जिले में रक्षा मंत्री ने 20 किलो मीटर लंबी डबल लेन वाली किमिन-पोतिन रोड का ई-उद्घाटन किया है। इसके साथ ही उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के 9 और सड़कों को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। साथ ही साथ उनके हाथों केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में भी एक-एक सड़क राष्ट्र को समर्पित की गई है। इन सभी सड़कों का निर्माण सीमा सड़क संगठन ने किया है, जिसके कंधे पर देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सामरिक तौर पर अहम सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी है। इस मौके पर असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय युवा और खेल मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद था। जबकि, पीएमओ में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह वर्चुल माध्यम से जुड़े हुए थे। गौरतलब है कि उनके पास उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास का स्वतंत्र प्रभार भी है।
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बीआरओ ने सड़क प्रोजेक्ट के रखे अनोखे नाम
दिलचस्प बात ये है कि बीआरओ ने प्रकृति की गोद में सिमटे इन इलाकों में सड़क निर्माण के लिए अपने प्रोजेक्ट को अनोखे नाम से तैयार किया है। ये रोड 'अरुणक', 'वर्तक', 'ब्रह्मक', 'उदयक', 'हिमांक' और 'संपर्क' प्रोजेक्ट के तौर पर तैयार किए गए हैं। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने देश के दूर-दराज सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान के लिए बीआरओ की काफी सराहना की है। खासिकर कोविड-19 के दौरान पाबंदियों के बावजूद, इस संगठन ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। उन्होंने इन सड़कों की अहमियत बताते हुए कहा है, 'ये सड़कें हमारी सशस्त्र सेनाओं की जरूरतें पूरा करने और दूर-दराज के इलाकों में दवा और राशन जैसी जरूरी सामान पहुंचाने में मददगार साबित होंगी।'
ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी हिस्सा- रक्षा मंत्री
इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि ये रोड प्रोजेक्ट भारत सरकार की ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी का हिस्सा हैं, जहां सीमावर्ती इलाकों के संपूर्ण विकास पर खास जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर-पूर्व का विकास एक बड़ा संकल्प है, क्योंकि यह आवश्यक तो है ही, पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों का गेटवे भी है। इस दौरान उन्होंने गलवान वैली में शहादत देने वाले जवानों को भी श्रद्धांजलि दी। वो बोले कि भारत एक शांति-प्रिय देश है, लेकिन आक्रमकता के खिलाफ प्रतिक्रिया भी उतनी दृढ़ता से देता है। इस अवसर पर डीजी बॉर्डर रोड्स लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने यह बात दोहराई कि सीमावर्ती इलाकों के बुनियादी ढांचे का विकास उनके संगठन की प्रतिबद्धता है।