कर्नाटक का नाटक: क्या पूरे बवाल के पीछे सिर्फ सिद्धारमैया का हाथ?
बेंगलुरु। कर्नाटक में सियासी संकट गहराता जा रहा है, राज्य की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार में से 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जो फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं, इन विधायकों के इस्तीफे के कारण एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने का खतरा बढ़ गया है, खास बात ये है कि बागी विधायकों ने कहा है कि अगर सिद्धारमैया सीएम बनते हैं तो वे अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं, इसी बवाल के बीच कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्हें 'पार्टी के अंदर का चोर' बता डाला है।
कर्नाटक का नाटक
जिस पर टिप्पणी ना करते हुए बेंगलुरु में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा मैं 5-6 विधायकों के संपर्क में हूं। मैं सभी बातें आपको नहीं बता सकता हूं। पार्टी के प्रति हर कोई निष्ठावान है।यह किसी व्यक्ति का मेरे प्रति वफादार होने का सवाल नहीं है। हर किसी को पार्टी के प्रति वफादार रहने की उम्मीद है। कर्नाटक में राजनीतिक संकट पर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इन सभी दोषों के पीछे भाजपा है। यह ऑपरेशन कमला है... सब कुछ ठीक है, सरकार को कोई खतरा नहीं है। जो भी हो रहा है उसमें बीजेपी शामिल है।
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बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
तो वहीं बीजेपी ने भी कहा है कि यह सब कुछ सिद्धारमैया का ही किया धरा है, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी एचडी कुमारस्वामी की सरकार को बाहर करने की कोशिश में है। यह कांग्रेस का गेमप्लान है कि एचडी देवगौड़ा और उनके परिवार को सत्ता से बाहर किया जाए। इसके लिए सिद्धारमैया जिम्मेदार हैं और कई अन्य सीनियर कांग्रेस भी इसमें शामिल हैं।'
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सियासी संकट
फिलहाल खबर ये है कि कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी सियासी संकट के बीच अपना अमेरिका दौरा बीच में ही छोड़कर आज भारत लौट आए हैं और उन्होंने दावा किया है कि राज्य में कोई राजनीतिक संकट नहीं है। मालूम हो कि कांग्रेस और जेडी-एस के विधायक शनिवार को विधानसभा स्पीकर को इस्तीफा देने के लिए स्पीकर कार्यालय पहुंचे, स्पीकर से मुलाकात नहीं हो पाने के चलते विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर के सचिव को सौंप दिया।
कर्नाटक विधानसभा में किसके पास कितनी सीटें
कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे, यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच ज्यादा थी, इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जेडीएस के 37 और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं, तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं।
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HK Patil, Congress: Our leaders are talking to our legislators who are unhappy. Everything will be okay. BJP is only creating this problem. But Govt will be stable. Govt is safe & it will remain safe. All our legislators will come back. #Karnataka pic.twitter.com/mZ4B2ZmFyW
— ANI (@ANI) July 7, 2019