कंगना रनौत ने की देश का नाम बदलने की मांग, सोशल मीडिया पर लोगों ने किया ट्रोल
नई दिल्ली, जून 23: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली कंगना रनौत समाज और राजनीति से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार रखती रहती हैं। हाल ही में कंगना ने कहा है कि देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत कर देना चाहिए क्योंकि इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है । कंगना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में इंडिया और भारत के बीच का अंतर बताया है।
अपनी इस मांग पर ट्रोल हुईं कंगना
कंगना की इस पोस्ट पर यूजर्स की ओऱ तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा- कंगना रनौत का कहना है कि इंडिया अंग्रेजों द्वारा दिया गया एक 'गुलाम नाम' है, और इसलिए इसे भारत से बदल दिया जाना चाहिए। लेकिन उन्हें कौन बताएगा कि अंग्रेजों से पहले न इंडिया था और न ही भारत? वहीं एक अन्य यूजर्स ने लिखा कि, Z प्लस सुरक्षा के साथ कंगना क्षितिज पर नई इतिहासकार हैं।
''देश जब तक पश्चिमी देशों की एक 'चीप कॉपी' बना रहेगा''
वहीं एक अन्य महिला यूजर ने लिखा कि, उसके लिए ट्वीट करने का क्या मतलब है?....उसका आनंद लो। जिसको हिस्ट्री नहीं पता उसे लॉ के बारे में क्या पता होगा। दरअसल कंगना ने लिखा था कि, देश जब तक पश्चिमी देशों की एक 'चीप कॉपी' बना रहेगा तब तक तरक्की नहीं कर पाएगा। 'इंडिया तभी ऊपर उठ सकता है जबकि वह अपने प्राचीन आध्यात्म और ज्ञान पर आधारित रहे, यह हमारी महान सभ्यता की आत्मा हैं। कंगना ने कहा था कि, दुनिया हमारी ओर देखेगी और दुनिया के लीडर बनकर उभरेंगे।' कंगना ने वेदों, गीता और योग पर टिके रहते हुए इंडिया का नाम बदलकर भारत करने की भी मांग की और कहा कि इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है।
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शेयर की थी ये पोस्ट
अपनी अगली पोस्ट में कंगना ने लिखा, 'अंग्रेजों ने हमें गुलामी वाला नाम इंडिया दिया जिसका मतलब है सिंधु नदी का पूरब। क्या आप एक बच्चे को छोटी नाक, दूसरा या सी सेक्शन बुलाएंगे। ये कैसा नाम है? मैं आपको भारत का मतलब बताती हूं। यह तीन संस्कृत शब्दों भा (भाव), र (राग) और त (ताल) से बना है। हां, गुलाम बनने से पहले हम यह थे। सांस्कृतिक और कलात्मक रूप से सबसे विकसित सभ्यता। हर नाम में एक स्पंदन है और अंग्रेज जानते थे इसलिए उन्होंने जगहों नहीं बल्कि लोगों और धरोहरों को भी नए नाम दे दिए। हमें अपना खोया हुआ गौरव पाना चाहिए। चलिए, भारत नाम से इसकी शुरूआत करते हैं।'