कैलाश विजयवर्गीय ने बेटे आकाश और निगम अधिकारी को बताया कच्चा खिलाड़ी, कहा- ये बड़ा मामला नहीं था
नई दिल्ली। इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार को जेल से रिहा होकर बाहर आ गए। नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के मामले में आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को कोर्ट से जमानत मिली थी लेकिन जेल की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण बीजेपी विधायक जेल से बाहर नहीं आ सके थे। वहीं, जेल से बेटे के बाहर आने के बाद बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया है।
यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था- कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि दोनों पक्षों की तरफ से गलती की गई थी। आकाश और नगर निगम कमिश्नर दोनों कच्चे खिलाड़ी हैं।' कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन इसे बड़ा बना दिया गया।' विजयवर्गीय ने कहा, 'मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए, उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए।'
रविवार को जेल से बाहर आए थे आकाश
उधर, जेल से बाहर आने के बाद आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि जेल में उनका अच्छा वक्त बीता। बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा- 'ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था, मैं इसके अलावा कुछ और करने के बारे में सोच नहीं सकता था, जो किया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं। लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे।'
नगर निगम अधिकारी को बैट से पीटा था
बता दें कि इससे पहले 26 जून को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। शनिवार को आकाश को जमानत मिली। भोपाल की विशेष अदालत ने 50 हजार के मुचलके पर उनको जमानत दी। इसके अलावा बिना इजाजत प्रदर्शन करने के मामले मे भी आकाश को जमानत मिली। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आकाश रविवार को जेल से बाहर आए।