पी चिदंबरम की गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले जस्टिस सुनील गौड़ रिटायर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम के लिए मुश्किल बढ़ाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस सुनील गौड़ आज रिटायर हो गए हैं। जस्टिस गौड़ ने पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसकी वजह से चिदंबरम को अंडरग्राउंड होना पड़ा था। तकरीबन 27 घंटे के बाद जब वह कांग्रेस के मुख्यालय में प्रेस कांन्फ्रेंस करने पहुंचे तो उसके बाद से ही सीबीआई उनकी धरपकड़ की कोशिश में जुट गई। चिदंबरम के घर पहुंचते ही सीबीआई ने उनके घर में दीवार फांदकर उन्हें अरेस्ट कर दिया।
चिदंबरम को किंगपिन करार दिया
पी चिदंबरम मामले की सुनवाई करने वाले जज जस्टिस गौड़ ने अपने फैसले में चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले का किंगपिन करार देते हुए उन्हें मुख्य साजिशकर्ता कहा था। साथ ही उन्होंने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह लगता है कि इस मामले के मुख्य साजिशकर्ता चिदंबरम हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को मनी लॉन्ड्रिग का क्लासिक मामला बताया था और उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। साथ ही जज ने कहा था कि अगर उन्हें जमानत दे दी जाती है तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा।
कमलनाथ के भतीजे को भी नहीं दी अग्रिम जमानत
बता दें कि पी चिदंबरम को कांग्रेस के शासनकाल से ही उच्च न्यायालय का अंतरिम संरक्षण प्राप्त था, जिसकी वजह से सीबीआई और ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी। लेकिन इस बार जस्टिस गौड़ ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस गौड़ ने इससे पहले भी कई हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की थी। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी मामले की सुनवाई की थी और उनकी अग्रिम जमानत को भी खारिज कर दिया था। जस्टिस गौड़ ने कहा था कि प्रभावी जांच के लिए उसकी हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
लंबे समय तक रहे हाई कोर्ट में
बता दें कि जस्टिस गौड़ ने 1984 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से अपने करियर की शुरुआत की थी। 1995 में दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा में वह शामिल हुए थे और 2008 से वह उच्च न्यायालय में थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज पी चिदंबरम मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें आंशिक रूप से राहत दी और सोमवार तक ईडी को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी।