Johnson & Johnson: बॉम्बे हाईकोर्ट J&J को बेबी पाउडर बनाने की दी इजाजत, लेकिन ब्रिक्री पर लगाई रोक
Johnson & Johnson, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को अमेरिका की फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को खुद के रिस्क पर महाराष्ट्र के मुलुंड प्लांट में अपना बेबी पाउडर बनाने की अनुमति दे दी। हाईकोर्ट ने बुधवार को कंपनी के बेबी पाउडर के नमूनों की नए सिरे से जांच का आदेश दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि,बेबी पाउडर को अपने रिस्क पर बनाओ लेकिन बेच नहीं सकते हैं।
महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर की बिक्री और वितरण पर रोक लगा रखी है। इससे पहले एफडीए ने 15 सितंबर के आदेश में जॉनसन एंड जॉनसन प्लांट के बेबी पाउडर बनाने के लाइसेंस को रद्दकरने और 20 सितंबर के आदेश में कंपनी के बेबी पाउडर का उत्पादन और बिक्री को तुरंद बंद करने के लिए कहा गया था।
कंपनी ने राज्य सरकार के दो आदेशों को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति एस जी डिगे की खंडपीठ ने बुधवार को एफडीए को निर्देश दिया कि वह तीन दिनों के भीतर मुंबई के मुलुंड इलाके में कंपनी के कारखाने से नए नमूने ले और इसकी टेस्टिंग कराए। इन नमूनों को तीन प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इनमें दो सरकारी और एक निजी लैब होगी। इनके रिजल्ट एक सप्ताह के भीतर आ जाएंगे।
पीठ ने कहा, 'याचिकाकर्ता को सरकार ने बेबी पाउडर की बिक्री या वितरण से रोक दिया है। कंपनी को इस आदेश का पालन करना होगा। अगर कंपनी उत्पाद का निर्माण करना चाहती है तो यह उसके अपने जोखिम पर होगा।' मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। एफडीए ने जॉनसन के बेबी पाउडर को इस आधार पर प्रतिबंधित कर दिया था कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इन उत्पादों की गुणवत्ता मानकों के आधार पर खरी नहीं उतरी थीं।
आपको बताते चलें कि ,दिसंबर 2018 में एक औचक निरीक्षण के दौरान एफडीए ने क्लाविटी चेक के लिए पुणे और नासिक से जॉनसन एंड जॉनसन के टैल्क-आधारित बेबी पाउडर के नमूने लिए थे। मुलुंड प्लांट से लिए गए सैंपल टेस्ट में फेल हो गए थे। 2019 में आए टेस्ट के रिजल्ट में कहा गया था कि 'सैंपल IS 5339: 2004 टेस्ट pH में शिशुओं के लिए त्वचा पाउडर के स्पेसिफिकेशन का अनुपालन नहीं करता है।