हेल्थ वर्कर के जज्बे ने जीता दिल, पीठ पर बच्चा और कंधे पर बैग रख नौकरी के लिए रोज पार करती है नदी
नई दिल्ली, 22 जून। कोरोना महामारी के शुरूआती दौर से लेकर अब तक डॉक्टरों और मेडिकल सिस्टम से जुड़े हेल्थ वर्कस रात दिन मेहनत कर रहे हैं। कोरोना का पीक हो केस कम हो इन्हें हर हाल में अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैदी से निभानी पड़ती है। झारखंड की एक महिला हेल्थ वर्कर की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसको देखकर उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। उसके सेवा भाव की सब प्रशंसा कर रहे हैं।
बच्चे को पीठ पर बांध कर नदी पार करते हुए कर रही है ड्यूटी
ये महिला हेल्थ वर्कर झारखंड के महुआडाड़ निवासी है इसका नाम मानती कुमारी है। ये हर दिन पिछले इलाकों में जाकर बच्चों को टीका लगाती है, इसके साथ ही ग्रामीणों को कोविड वैक्सीन भी लगाने की जिम्मेदारी निभा रही है, वो भी नदी को पार करके। मानती कुमारी के साथ उसका डेढ़ साल का बच्चा भी रहता है जिसे वो नदी पार करते समय पीठ पर बांध लेती हैं।
Recommended Video
हर दिन इतनी मुश्किलों के साथ तय करती है 40 किलोमीटर का सफर
नदी पार करते हुए जाने के लिए वो पीठ पर बच्चे के साथ कंधे पर टीकाकरण वाला डब्बा टांगे रहती है और हाथ में चप्पल और बच्चे का खाना और सामान से भरा बैग लेकर हर दिन ऐसे ही नदी पार करती है। अपने बेरोजगार पति और बच्चे का पेट पालने के लिए वो सप्ताह में हर दिन घने जंगल और नदी पार करते हुए 40 किलोमीटर की हर दिन यात्रा करती है। उसका पति सुनील उरांव बेरोजगार है।
बच्चों का टीकाकरण हो इसके लिए कर रही मुस्तैदी से ड्यूटी
हेल्थ वर्कर के इतने कम वेतन में वो इतनी कड़ी मेहतन करती है। उसका उद्देश्य अपना परिवार तो पालना है ही साथ लातेहार जिले के दूर स्थित वन गांवों में बच्चे सुरक्षित रहे क्योंकि उन सूदूर गांवों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नही है।
कोरोना वैक्सीन लगाने के अलावा गांवों में पहुंचा रही मरीजों को दवा
बच्चों को वैक्सीन देने के अलावा कोरोना महामारी की चपेट में आए दूरदराज के गांवों के लोगों को भी दवा पहुंचा रही है क्योंकि मानती सहायक संविदा नर्स है। वो अक्सी पंचायम में छोटे बच्चों के लिए टीकाकरण् कार्यक्रम और सोहर पंचायत में कोविड वैक्सीन अभियान चला रही है। वन गांव 2त किमी दूर है लेकिन वो 25 किमी की मुश्किल सफर तय करके चेतमा स्वास्थ केंद्र रिपोर्ट करने के लिए उसे जाना पड़ता है।