क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गुजरात दंगों को किताबों से हटाने पर बीजेपी की सहयोगी जेडीयू बोली, 'इतिहास को बदला नहीं जा सकता'

एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव करने पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने जवाब दिया है. पढ़ें आज के अख़बारों की सुर्खियां.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
के सी त्यागी
Getty Images
के सी त्यागी

बिहार में बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा है कि 'इतिहास तो इतिहास है, इसे पलटा नहीं जा सकता है.'

केसी त्यागी ने यह बयान इंडियन एक्सप्रेस की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया है. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में बताया था कि एनसीईआरटी की किताबों से आपातकाल से लेकर गुजरात दंगों तक के अध्याय को हटा दिया जाएगा.

"इतिहास के युक्तिकरण" के नाम पर "इतिहास को दोबारा" लिखने की सरकार की कोशिश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केसी त्यागी ने कहा कि इतिहास तो इतिहास है और इसे बदला नहीं जा सकता है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा, "जो घटना घट गई है, अच्छी या बुरी, उसे रिवर्स नहीं किया जा सकता है."

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर स्पष्ट राय दे चुके हैं. उन्होंने भी हाल में कहा था कि इतिहास को दोबारा नहीं लिखा जा सकता है. एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों से अतीत के कई अध्यायाों को हटाने पर आपत्ति जताते हुए त्यागी ने कहा, "आज की और आने वाली पीढ़ी को इतिहास उसी तरह जानना चाहिए जैसा वह था. आपातकाल वाले अध्याय को हटाने का क्या मतलब?"

उन्होंने कहा कि कौन सा अध्याय रहे और कौन सा हटा दिया जाना चाहिए, ये इतिहासकारों और शोधकर्ताओं पर छोड़ दिया जाना चाहिए. जेडीयू के अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी इसकी आलोचना की है. इसके अलावा राजद के सांसद मनोझ झा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि बीजेपी एक ऐसा अतीत पेश करने की कोशिश कर रही है जो कभी था ही नहीं.

17 जून को एनसीईआरटी ने बताया था कि गुजरात दंगे, आपातकाल और दूसरे कई अध्यायों को पाठ्य पुस्तक से हटा दिया है. गुरुवार को एक नोटिफ़िकेशन जारी करते हुए एनसीईआरटी ने लिखा कि कोरोना महामारी के मद्देनज़र पाठ्यपुस्तक को रैशनल होना चाहिए, इसलिए संशोदन करने का फ़ैसला किया गया है.

एनसीईआरटी
Getty Images
एनसीईआरटी

दलितों और अल्पसंख्यकों पर आधारित अध्यायों को लेकर भी बदलाव

इंडियन एक्सप्रेस ने स्कूल की किताबों में होने वाले बदलाव को लेकर अपनी पड़ताल का एक हिस्सा 18 जून को प्रकाशित किया था और एक हिस्सा आज प्रकाशित किया है. इस दूसरे पार्ट मे अल्पसंख्यकों और दलितों से जुड़े अध्याय पर रिपोर्ट की गई है.

अख़बार लिखता है, "एक दलित के अपने पारंपरिक कामों जैसे खेती, मैला ढोने या चमड़े का काम करने तक ही सीमित रहने की संभावना है."

"अल्पसंख्यकों के लिए यह ख़तरा हमेशा है कि बहुसंख्यक समुदाय राजनीति में सत्ता पर कब्ज़ा किये रहे और अपने धर्म और संस्कृति को प्रभावी बनाए रखने के लिए राज्य की ताक़तों का इस्तेमाल करे."

जाति-व्यवस्था और भेदभाव पर लिखे अध्याय में से ये कुछ वो वाक्य हैं जो अब एनसीईआरटी की किताबों के पाठ्यपुस्तक से हटा दिया गया है. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में कई तरह के बदलाव किये गए हैं लेकिन व्यापकता के आधार पर यह सबसे बड़ा बदलाव है.

इंडियन एक्सप्रेस ने कक्षा छह से 12 तक के इतिहास, राजनीति विज्ञान और समाज शास्त्र की पाठ्यपुस्तकों की पड़ताल की है और होने वाले बदलावों का पुराने पाठ्यक्रम से तुलनात्मक अध्ययन किया है. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी पड़ताल में पाया है कि दलित और अल्पसंख्यकों के साथ हुए भेदभाव के उदाहरण वाली बहुत सी सामग्री को हटा दिया जाएगा.

इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार के दौरान संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर पर बने एक कार्टून के विरोध के बाद उसे 11वीं के पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम से हटाया गया था.

आगजनी
Getty Images
आगजनी

अग्निपथ विरोधी हिंसा भड़काने के पीछे कोचिंग सेंटर्स पर संदेह

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के अनुसार, बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की पुलिस ने संदेह जताया है कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ हुई हिंसा के पीछे उन कोचिंग सेंटर्स का हाथ हो सकता है जो सेना में भर्ती के लिए कोचिंग देते हैं.

हालांकि कोचिंग सेंटर्स के ऑपरेटरों, शिक्षकों और कोचिंग से जुड़े अन्य लोगों ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इससे इनकार किया है और कहा है कि उन्हें फंसाया जा रहा है.

आंध्र प्रदेश पुलिस ने अग्निपथ विरोधी मामले में आर्मी के रिटायर्ड हवलदार अवुला सुब्बा राव को गिरफ़्तार भी किया है. वह कई कोचिंग सेंटर्स चलाते हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ भड़काया.

बिहार में हिंसा भड़काने के आरोप में दो कोचिंग सेंटर्स के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. पटना और बिहार के दूसरे कई कोचिंग सेंटर्स भी पुलिस के रडार पर हैं.

चीन
Getty Images
चीन

केंद्र सरकार 400 सीए पर रख रही है नज़र

केंद्र सरकार ने 400 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कंपनी सचिवों के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफ़ारिश की है. आरोप है कि ये लोग मेट्रो शहरों में चाइनीज़ सेल कंपनियों के साथ जुड़े हुए थे. इन पर नियमों और मानदंडों को दरकिनार करने का आरोप है.

सरकार की यह कार्रवाई गलवान की घटना के बाद चीन और चीनी कंपनियों के ख़िलाफ़ उठाए गए भारत सरकार के क़दम का ही एक हिस्सा है. गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे.

द हिंदू की ख़बर के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकार ने बताया कि जिन सीए और सीएस के ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई, उन्होंने नियमों और क़ानून का पालन किये बिना बड़ी संख्या में चीनी स्वामित्व वाली या चीन संचालित शेल कंपनियों को शामिल करने में मदद की थी.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले दो महीनों में वित्तीय खुफ़िया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद कार्रवाई की सिफारिश की.

ये भी पढ़ें...

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
JDU says History can not be deleted on removing Guajarat clash from texbooks.
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X