सरकार के अटॉर्नी जनरल ने कहा जीप से युवक को बांधने वाले मेजर की आलोचना बंद हो
सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कश्मीर में युवक को जीप से बांधने वाने आर्मी मेजर की आलोवना की जगह उनकी प्रशंसा होनी चाहिए। घाटी में सेना बहुत दबाव में काम कर रही है।
नई दिल्ली। कश्मीर में एक युवक को जीप से बांधने का जो वीडियो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था, उसके बाद चारों तरफ सेना की आलोचना हुई। लेकिन केंद्र सरकार ने तय किया है कि वह सेना और उस मेजर का समर्थन करेगी जिसने यह फैसला लिया था।
सोशल मीडिया पर बहस से बचें
इस मसले में जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से केस दर्ज किया जा चुका है। सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा है कि कश्मीर के बडगाम में यह फैसला लेने वाले मेजर की प्रशंसा होनी चाहिए न कि उनकी आलोचना। मुकुल रोहतगी के मुताबिक सेना घाटी में इन दिनों बहुत दबाव में काम कर रही है। आपको बता दें कि सेना के मेजर ने रक्षक वाहन पर एक युवक को बांधने का आदेश दिया था ताकि सेना की पांच गाड़ियों का काफिला वहां से सुरक्षित निकल सके। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सेना के जवानों को उनके काम करने तरीकों को लेकर पूरी तरह से ट्रेनिंग दी जाती है और वे अपने हर एक्शन के लिए खुद जिम्मेदार होते हैं। मिलिट्री ऑपरेशंस को कभी भी सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा नहीं बनाना चाहएि। सेना हमारी सीमाओं की सुरक्षा में दिन-रात तैनात रहती है।
आर्मी चीफ ने दिया संदेश
इस बीच आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सेनाओं को अपनी मजबूत छवि बरकरार रखनी होगी और साथ ही उन्हें अपने व्यक्तिगत सम्मान का भी ध्यान रखना होगा। आर्मी कमांडर्स की कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने इतनी मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के लिए जवानों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि जवान, सेना की प्रतिष्ठा को और मजबूत करने में योगदान करें। बदतर हालातों के बीच ही कश्मीर से विवादित वीडियोज का आना लगातार जारी है। अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें सेना के दो जवान एक युवक को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस युवक को पीटा जा रहा है और इसे पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने को कहा जा रहा है। वहीं सेना की ओर से कहा गया है कि इस वीडियो की सत्यता की जांच जारी है।