World Oral Health Day: क्या मुंह की सम्पूर्ण स्वच्छता के लिए केवल ब्रश करना ही काफी है, जानें
World Oral Health Day पर जानें मुंह और दांतों की सफाई से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां, जो आपको मुंह की बीमारियों से छुटकारा दिला सकती हैं।
नई दिल्ली। इस तनाव भरे माहौल में खुद को स्वस्थ रहने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए लोग जिम जाते हैं, योगा करते हैं लेकिन मुंह को स्वस्थ रखने की ओर कोई खास ध्यान नहीं देते, जिससे उन्हें मुंह से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा कुछ ऐसे आम मिथक भी हैं जो मुंह की साफ-सफाई को लेकर जुड़े हुए हैं और आज विश्व ओरल हेल्थ डे पर हम आपको उन्हीं सब मिथकों से छुटकारा दिलाएंगे।
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इस मौके पर दांतों के विशेषज्ञ डॉ. अनिर्बन चटर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस से मुंह की सफाई को लेकर कुछ अहम जानकारियां साझा की। आइए जानते हैं....
मिथक- मुंह को स्वस्थ रखने के लिए केवल एक बार ब्रश करना काफी है
जवाब- अक्सर लोग समझते हैं कि दिन में दो बार ब्रश करना मुंह के अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी है, जबकि इससे ज्यादा ये महत्वपूर्ण है कि आपने कितने अच्छे से ब्रश किया है। इसके अलावा दांतों को साफ करने से हमारे मुंह की केवल 25 प्रतिशत सफाई होती है। दांतों के अलावा जीभ, तालू आदि को भी साफ करने की जरूरत है, जिसके लिए माउथवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए। तभी मुंह को पूरी तरह स्वस्थ्य रखा जा सकता है।
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मिथक- माउथवॉश केवल मुंह की दुर्गंध को कम करता है।
जवाब- यह सबसे आम मिथक है कि माउथवॉश का काम केवल मुंह की दुर्गंध कम करना है। जबकि यह मुंह के कीटाणुओं का भी सफाया करता है। ये कीटाणु मुंह से जुड़ी परेशानी पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा खाली माउथवॉश से काम नहीं चलाया जा सकता। आपको नियमित तौर पर ब्रश करने की आवश्यकता है। माउथवॉश में कुछ आवश्यक तेल होते हैं जो मुंह से जुड़ी परेशानियों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
मिथक- कठोर टूथब्रश अच्छे होते हैं
जवाब- यह बहुत की प्रचलित गलत धारणा है। अगर आप हार्ड ब्रश का इस्तेमाल अपने दांतों पर करते हैं तो यह दांतों के इनेमल को खतरा पहुंचा सकता है। वहीं, मुलायम ब्रश से आपको बेहद कम हानि होती है। हमेशा मध्यम आकार के ब्रश का इस्तेमाल करें। लेकिन खाली मुलायम ब्रश के इस्तेमाल से या दो बार ब्रश करना ही काफी नहीं। मुंह को स्वस्थ रखने के लिए पूरे मुंह की सफाई जरूरी है।
मिथक- ज्यादा देर ब्रश करने से दांत ज्यादा चमकते हैं।
जवाब- ऐसा नहीं है। ज्यादा देर ब्रश करने से आपके दांतों के इनेमल को हानि हो सकती है और दांत की बाहरी परत खराब हो सकती है। ब्रश करने के लिए केवल 2 मिनट का समय ही काफी है। इतने ही समय में टूथपेस्ट में पाया जाने वाला फ्लूरॉइड दांतों के साथ क्रिया कर उन्हें साफ कर देता है। इसके अलावा दो से ज्यादा बार ब्रश नहीं करना चाहिए। जहां तक दांतों के चमकने का सवाल है तो यह एक कॉस्मेटक प्रक्रिया है। इसके लिए आपको डेंटिस्ट के पास जाना चाहिए।
मिथक- हमें केवल इमरजेंसी में डॉक्टर के पास जाना चाहिए
जवाब- लोगों में यह धारणा है कि दांतों की चिकित्सा में बेहद दर्द होता है और इस वजह से वह नियमित दंत जांच नहीं कराते। जबकि दांतों से जुड़ी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं जिनका बिना जांच के पता नहीं चलता। इसलिए नियमित तौर पर दांतों की जांच करवाना आवश्यक है। कम से कम 6 महीने में एक बार।
मिथक- हमें केवल मुंह से जुड़ी समस्या होने पर ही माउथवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए
जवाब- यह बेहद गलत धारणा है कि मुंह से दुर्गंध आने, मसूड़े फूलने या कैविटीज होने पर ही माउथवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए। जबकि इसते नियमित इस्तेमाल से (दिन में दो बार) मुंह से जुड़ी कई समस्याओं से बचा जा सकता है।
मिथक- नियमित तौर पर फ्लॉसिंग करने से दांतों के बीच गैप आ जाता है।
जवाब- ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। नियमित फ्लॉसिंग करने से दांतों के बीच कोई गैप नहीं बढ़ता। लेकिन दांतों के बीच सफाई करने के लिए इसे सही तरीके से करना चाहिए। यह दांतों के बीच में फंसे खाने को निकालने में मदद करता है। कैविटीज और दांतों से जुड़ी अन्य समस्याओं को कम करने के लिए नियमित फ्लॉसिंग जरूरी है।
मिथक- पेशेवर सफाई में दांत कमजोर होते हैं।
जवाब- कई लोग ऐसा मानते हैं कि दांतों की सफाई करने से दांत कमजोर हो सकते हैं। जबकि दांतों की गंदगी को कम करने के लिए पेशेवर क्लीनिंग जरूरी है। दांतों के मैल को हटाने के लिए विशेषज्ञ अट्रासोनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद नियमित तौर पर माउथवॉश का इस्तेमाल मैल को बनने से रोकने में मदद करता है।