ब्लैक मनी: कैसे वापस आएगा 500 बिलियन डॉलर
किस्सा ब्लैक मनी का.. जिसे लेकर हर भारतीय के मन में सवाल है कि विदेशों में फंसे हमारे करोड़ों रूपए कब और कैसे वापस आएंगे? अंदाजन देखा जाए तो लगभग 500 बिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम विदेशों में फंसी है। लेकिन अब सरकार को इस पर क्या करना चाहिए, इसे जानने के लिए वनइंडिया ने बात की आईआईएम बैंगलूरू के फाइनेंस के प्रोफेसर डॉ. आर वैद्यनाथन से।
ब्लैक मनी के मुद्दे पर बात करते हुए वैद्यनाथन सबसे पहले कहते हैं कि सरकार को अगले कुछ महीनों में काला धन को वापस लाने के लिए अध्यादेश पास करनी चाहिए।
वैद्यानाथन कहते हैं कि अगर सरकार ऐसा कोई अध्यादेश पास कर देती है तो उसे लेकर उन देशों पर दवाब बनाया जा सकता है, जहां कथित तौर पर भारतीयों ने काला धन छुपा कर रखा है। कानून के अनुसार, फिर उन देशों को भारत का साथ देना होगा। ये पूछने पर कि विदेशों में रखी सारी संपत्ति क्या काला धन है, डॉ. वैद्यनाथन बताते हैं कि, नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन सरकार का सबसे पहला कदम होना चाहिए कि सारा धन वापस लाया जाए, चाहे वह काला धन हो या नहीं। एक बार पैसे देश में आ जाए्ंगे तो उसका सही उपयोग भी किया जा सकेगा।
बिलियन नहीं ट्रिलियन डॉलर ब्लैक मनी
डॉ. वैद्यनाथन ने बताया कि कम से कम 500 बिलियन डॉलर विदेशों में फंसी है, जिसे सरकार को वापस अपने देश लाना है। इतना ही नहीं, बल्कि काफी मात्रा में डॉयमंड, मोती और रूबी भी विदेशों में छुपा कर रखा गया है, जिसका सही मूल्य कोई सोच भी नहीं सकता। वह सब जोड़कर शायद सपंत्ति ट्रिलियन में पहुंच जाएगी। वहीं, उन्होंने भारतीय बैंकों में विदेशी मुद्रा जमा करने को भी प्रोत्साहित करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे यह बात पक्की हो जाएगी कि देश का पैसा देश में ही रहे।
सरकार पर है दवाब
डॉ. बताते हैं कि काला धन वापस लाने के सरकार के ऊपर अब काफी दवाब बनाया जा रहा है। सरकार को पता है कि हर भारतीय के लिए अब यह एक मुख्य मुद्दा बन चुका है। ब्लैक मनी हर चुनाव का मुख्य मुुद्दा है और आगे भी रहेगा। इसीलिए मुझे लगता है कि काला धन से जुड़ा अध्यादेश कुछ महीनों में पास कर दिया जाएगा। जिसके बाद इस पर आगे कदम बढ़ाया जाएगा।