#UriAttack: आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले की इनसाइड स्टोरी, नक्शे में लिखी थी पूरी साजिश
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित आर्मी बेस कैंप में हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए जबकि करीब 20 घायल हो गए। हमला कैसे हुआ और किस तरह चार आतंकियों ने इतने बड़े हमले को अंजाम दिया यह वाकई चिंता का विषय है।
रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे चार आतंकियों ने उरी सेक्टर स्थित सेना की 12वीं ब्रिगेड पर हमला बोला। आतंकियों ने आर्मी कैंप के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक पर हमला बोला, जहां बिना हथियारों के जवान तेल टैंक से गैलनों में डीजल भर रहे थे।
पढ़ें: उरी अटैक से गुस्से में सेना, PAK को ऐसे देगी करारा जवाब
तीन
मिनट
में
फेंके
17
ग्रेनेड
हैरान
करने
वाली
बात
ये
है
कि
आतंकियों
ने
आते
ही
तीन
मिनट
के
अंदर
करीब
17
ग्रेनेड
फेंके।
इससे
बैरकों
और
टेंट
में
आग
लग
गई
जिसकी
वजह
से
करीब
13
जवान
जिंदा
जल
गए।
जबकि
कई
अन्य
गंभीर
रूप
से
घायल
हो
गए।
चार जवानों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। करीब छह घंटे तक चली फायरिंग में सेना ने सभी चार आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान 20 से ज्यादा जवान घायल हुए, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
#UriAttack: पर्रिकर ने सेना को दिए कड़े कदम उठाने के निर्देश
आतंकी
की
जेब
से
मिला
नक्शा
उरी
आर्मी
कैंप
पर
हुआ
हमला
बीते
26
सालों
में
हुआ
सबसे
हमला
है।
सेना
के
बेस
कैंप
पर
जिस
तरह
आतंकियों
ने
घुसकर
हमला
किया
वह
हैरान
कर
देने
वाला
है।
सेना
ने
मारे
गए
आतंकियों
के
पास
एक
नक्शा
बरामद
किया
है
जिसमें
हमले
की
पूरी
योजना
विस्तार
से
लिखी
हुई
थी।
नक्शे
में
सारी
जानकारी
पश्तून
भाषा
में
लिखी
गई
थी।
यह
भाषा
पाकिस्तान
के
आदिवासी
इलाकों
में
ज्यादा
बोली
जाती
है।
पढ़ें: उरी आतंकी हमले पर क्या बोले अमेरिका और ब्रिटेन?
...तो
पूरी
तैयारी
के
साथ
आए
थे
आतंकी
आतंकी
हमले
की
टाइमिंग
को
देखते
हुए
पता
चलता
है
कि
आतंकियों
को
आर्मी
कैंप
के
रूटीन
की
पूरी
जानकारी
थी।
आतंकियों
ने
हमला
तब
किया
जब
बटालियन
की
ड्यूटी
बदल
रही
थी।
सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों का मुख्य प्लान निहत्थे जवानों को मारना, आर्मी कैंप में मौजूद मेडिकल सेवाओं को ध्वस्त करना और उसके बाद ऑफिसर्स मेस में पहुंचकर खुद को आत्मघाती हमले में उड़ा लेने का था।
पढ़ें: पीडीपी नेता के घर आतंकी हमला, पुलिसकर्मियों से छीने हथियार
कैसे
मारे
गए
आतंकी
आर्मी
कैंप
पर
घुसते
ही
आतंकियों
ने
पहले
डीजल
के
ड्रमों
को
निशाना
बनाया।
इस
वजह
से
हुए
धमाके
से
चारों
तरफ
धुआं
फैल
गया
जिससे
आतंकी
भ्रमित
हो
गए
और
सीधे
सैनिकों
की
बैरक
की
तरफ
चले
गए।
एक
आतंकी
को
डोगरा
रेजीमेंट
के
19
वर्षीय
जवान
ने
मार
गिराया।
सैनिक
ने
बाकी
तीन
आतंकियों
को
भी
ललकारा,
लेकिन
उन्होंने
छुपकर
गोली
चलाना
शुरू
किया।
एक
गोली
सैनिक
के
हेलमेट
में
लगी
जिससे
वह
गंभीर
रूप
से
घायल
होकर
जमीन
पर
गिर
पड़ा।
दूसरे
सैनिकों
ने
बाद
में
उसे
वहां
से
निकाला।
पढ़ें: गैंगरेप के बाद महिला को चलती ट्रेन से नीचे फेंका
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सैनिकों ने बैरक खाली कर दी थी। आतंकियों ने मौका पाकर दूसरे फ्लोर में बैरकों में खुद को छुपा लिया और वहां से फायरिंग करते रहे। आखिरकार पैरा कमांडो के चार जवान बिल्डिंग की छत पर उतरे और तीनों आतंकियों को मार गिराया।
आतंकियों
के
पाकिस्तानी
होने
का
सबूत
उरी
हमले
को
लेकर
जानकारी
देते
हुए
मिलिट्री
ऑपरेशन
के
डायरेक्ट
जनरल
(DGMO)
लेफ्टिनेंट
जनरल
रणबीर
सिंह
ने
बताया
कि
मारे
गए
चारों
आतंकी
विदेशी
नागरिक
थे।
उनके
पास
मिली
चीजों
में
पाकिस्तान
की
मार्किंग
है।
शुरुआती
जांच
में
पता
चला
है
कि
आतंकी
जैश-ए-मोहम्मद
से
जुड़े
हैं।
उनके
पास
से
काफी
हथियार
भी
मिले
हैं।