क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

क्या महंगाई सचमुच घट रही है ? बैंक की ब्याज दरों का क्या होगा ? जानिए संकेतों का मतलब क्या है

महंगाई से प्रभावित जनता के लिए सही मायने में मुद्रास्फीति घटने का क्या मतलब है। जानिए, Indian economy Inflation RBI policy Banking interest rates

Google Oneindia News

Inflation ऐसी समस्या है जिससे समाज का कोई भी तबका अछूता नहीं। दुनिया भर के देश ऊंची कीमतों की समस्या से जूझ रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से लेकर इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे विकासशील देशों तक, मुद्रास्फीति जटिल सवाल बनती जा रही है। आर्थिक नीति निर्माताओं के लिए इन्फ्लेशन चिंता का मुख्य कारण बनकर उभरी है। भारत भी मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं से अछूता अलग नहीं है।

inflation

क्या ब्याज दरों में कटौती करेंगे बैंक ?

कोरोना महामारी से पहले भारत में मुद्रास्फीति अधिक थी। करीब ढाई साल बाद भी महंगाई और उच्च मुद्रास्फीति लोगों के पसीने छुड़ा रही है। पिछले कुछ समय में महंगाई कम होने के संकेत मिले हैं, ऐसे में बैंक की ब्याज दरों के बारे में भी सवाल हो रहा है। आर्थिक कारोबार करने वाले लोगों का जानना जरूरी है कि महंगाई घटने पर क्या बैंक की ब्याज दरें भी घटेंगी। जानिए-

तो नवीनतम डेटा क्या दिखाता है?

Inflation और बैंकिंग प्रणाली की ब्याज दरों के बारे में इंडियन एक्सप्रेस के आलेख में कहा गया, कुछ दिन पहले जारी सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर 6.77 प्रतिशत पर आ गई। इससे पहले दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में महंगाई दर 7.04 फीसदी थी। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.28 फीसदी थी। यानी तीन क्वार्टर में मुद्रास्फीति में मामली लेकिन लगातार कमी दर्ज की गई है।

inflation

अधिक राहत मिलने के आसार नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि शायद मुद्रास्फीति चरम पर है, लेकिन यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि लगातार 10वें महीने में भी Inflation RBI के अनुमान से अधिक रही है। मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण ढांचे की ऊपरी सीमा से भी ऊपर रही है। ऐसे में महंगाई के मोर्चे पर अधिक राहत मिलने के आसार नहीं। आदर्श स्थिति में आरबीआई को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (प्लस/माइनस 2 प्रतिशत) पर रखना अनिवार्य है।

CFPI में गिरावट

अक्टूबर में मुद्रास्फीति में कमी का एक हिस्सा खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट को भी माना जा सकता है। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक में करीब डेढ़ फीसद की कमी देखी गई थी। अक्टूबर में कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) गिरकर 7.01 प्रतिशत पर आ गया। गत सितंबर में सीएफपीआई 8.6 प्रतिशत था।

मूल मुद्रास्फीति में तेल की कीमतें शामिल नहीं

खाद्य और ईंधन दोनों की कीमतें प्रकृति में अत्यधिक अस्थिर होती हैं। अगर इनकी कीमतों में बड़ी उछाल या गिरावट दर्ज की जाए तो ओवरऑल मुद्रास्फीति की रीडिंग में भी भारी उतार-चढ़ाव होने की आशंका बनेगी। इसलिए विश्लेषक मूल मुद्रास्फीति पर भी अधिक बारीकी से नज़र रखते हैं। इस मुद्रास्फीति में खाद्य और ईंधन की कीमतों को शामिल नहीं किया जाता है।

inflation

लगातार पांचवें महीने में उच्च मुद्रास्फीति

नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि मूल मुद्रास्फीति यानी Core Inflation के कारण बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है। उच्च मुद्रास्फीति के कारण लोगों को महंगाई से खास राहत नहीं मिल रही। निवेश और बिजनेस वर्ल्ड पर नजर रखने वाली भारतीय एजेंसी ICRA के अनुमान के मुताबिक, अक्टूबर में कोर इन्फ्लेशन 6.5 फीसदी रहा था। मुद्रास्फीति पर रेटिंग एजेंसी मूडीज से जुड़ी आईसीआरए का कहना है कि यह लगातार पांचवां महीना है जब मूल मुद्रास्फीति 6 फीसदी के स्तर से ऊपर बनी हुई है।

कीमतों का दबाव बरकरार

ग्लोबल फाइनांशियल ग्रुप नोमुरा (Nomura) के अनुसार, कंपनियों ने उच्च इनपुट लागतों के कारण उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में कटौती नहीं की। दबाव बना रहा और सर्विस सेक्टर को फिर से खोलने के कारण कीमतों पर दबाव बढ़ गया।" इससे संकेत मिलता है कि भले ही हेडलाइन मुद्रास्फीति में कमी दिख रही है, लेकिन इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में कीमतों का दबाव बना हुआ है।

inflation

मुद्रास्फीति के अनुमान क्या दिखाते हैं ?

पिछली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में, आरबीआई ने अक्टूबर-दिसंबर के दौरान भारत में मुद्रास्फीति के 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इसके बाद, चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 5.8 प्रतिशत मुद्रास्फीति का अनुमान लगाया गया। फिर अगले वित्त वर्ष (2023-24) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में मुद्रास्फीति में गिरावट का अनुमान लगाया गया। रिजर्व बैंक की एमपीसी के मुताबिक अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में मुद्रास्फीति 5.0 प्रतिशत तक गिर जाएगी।

आरबीआई के अनुमान से अलग राय !

हालांकि, अन्य लोगों के अनुमान आरबीआई से अलग हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि अधिकारियों को लगता है कि वित्तीय वर्ष (मार्च 2023) के अंत में 6.5 प्रतिशत मुद्रास्फीति रहेगी। यही "तार्किक अपेक्षा" (reasonable expectation) है।

inflation

क्यों अहम हैं मुद्रास्फीति के अनुमान

दूसरी ओर, नोमुरा के विश्लेषकों का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर में मुद्रास्फीति 6.6 प्रतिशत पर आ जाएगी, उसके बाद जनवरी-मार्च में Inflation मामूली रूप से गिरकर 6.3 प्रतिशत हो जाएगी। ये मुद्रास्फीति अनुमान इसलिए भी मायने रखते हैं क्योंकि इससे निर्धारित होता है कि नीति निर्माता आने वाले दिनों में बैंकों की ब्याज दरों पर कैसे फैसले लेंगे।

Inflation पर अब नीति निर्माता क्या करेंगे?

अब तक, उच्च मुद्रास्फीति से निपटने के लिए, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले के कारण आम लोगों के साथ-साथ कॉरपोरेट्स के ऋण पर उच्च ब्याज दर देखा जा रहा है, इसी आधार पर लोगों से EMI वसूली जा रही है। अब, क्योंकि मुद्रास्फीति अनुमान से ऊपर है, ऐसे में कुछ विश्लेषकों को उम्मीद है कि आरबीआई मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाते रहेगी।

मुद्रास्फीति पर नजर बनाए रखना जरूरी

हालांकि, ऐसे लोग भी हैं जो मानते हैं कि मुद्रास्फीति से प्रभावित होने के कारण ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है, ऐसे में यह देखते हुए कि मुद्रास्फीति संभवतः अपने चरम पर है, महंगाई में कमी के लिए इस समय इंतजार करना और कुछ समय के लिए मुद्रास्फीति पर नजर बनाकर रखते हुए इंतजार करना ही बुद्धिमानी होगी।

inflation

दिसंबर के पहले सप्ताह में RBI की बैठक

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के भीतर भी इस बात पर मंथन हो रहा है। एमपीसी के सदस्य जयंत वर्मा ने ब्याज दरों में 6 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं करने को अपनी प्राथमिकता तो बताई है, लेकिन समिति के अन्य लोग ब्याज दरों को और बढ़ाने के इच्छुक हैं। ऐसे में कौन सा विचार प्रबल होगा और ब्याज दरों में और बढ़ोतरी होगी या नहीं, यह आने वाला समय बताएगा। समिति की अगली बैठक दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।

ये भी पढ़ें- Anand Mahindra Ashutosh Rana की वीडियो देखकर यादों में खोए, कहा- बचपन की मासूमियत हमें... रोकती हैये भी पढ़ें- Anand Mahindra Ashutosh Rana की वीडियो देखकर यादों में खोए, कहा- बचपन की मासूमियत हमें... रोकती है

Comments
English summary
Indian economy Inflation RBI policy Banking interest rates
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X