सड़क पर भीख मांग रहे Ex-आर्मी मैन की मदद के लिए आगे आए गौतम गंभीर, ट्वीट कर लगाई गुहार
नई दिल्ली। नेशनल सिक्युरिटी के मसलों पर खुलकर बोलने और इंडियन आर्मी के लिए दिल में खास जगह रखने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर इस बार सेना के एक पूर्व जवान के मदद के लिए आगे आए हैं। शनिवार को गंभीर ने एक शख्स की फोटो ट्वीट करके बताया कि ये पूर्व सैनिक 1965 और 1971 की लड़ाई में शामिल हुए थे, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते उन्हें सेना का सहयोग नहीं मिल पा रहा है।' इस फोटो में दिख रहे शख्स ने एक तख्ती भी पकड़ी रखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हाल ही में दुर्घटना का शिकार होने के बाद इलाज के लिए उन्हे वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गंभीर ने अपने इस ट्वीट में रक्षा मंत्री, भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता को भी टैग किया है। यह शख्स फिलहाल कनॉट प्लेस के ए ब्लॉक पर भीख मांग रहे हैं।' गंभीर द्वारा इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से गंभीर के ट्वीट को री-ट्वीट किया और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस जवाब के बाद गंभीर ने भी शुक्रिया कहा। आपको बता दें कि गौतम गंभीर इंडियन आर्मी को लेकर अकसर आगे आते रहते हैं।
He’s Mr Peethambaran,who served in the Indian Army in 1965 &1971 wars which can be verified by his ID. He claims due to technical reasons he can’t get support from d Army. I’d urge @adgpi @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD to intervene as he is begging at A block Connaught Place. pic.twitter.com/LKU9BLc65D
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) February 2, 2019
सेना के प्रति प्यार और समर्पण का ही भाव है कि गंभीर आज 25 शहीदों के बच्चों का पूरा खर्च उठा रहे। इस बात का खुलासा उन्होंने ब्रेकफास्ट विथ चैंपियंस नाम के एक टॉक शो में किया था। इतना ही नहीं वह सेना की नौकरी करना चाहते थे मगर अपनी मां के कहने पर प्रोफेशनल क्रिकेटरर बन गए। गौतम गंभीर बताते हैं कि, उनके अंदर देश सेवा करने का जूनून था। 12वीं क्लास की पढ़ार्इ पूरी करने के बाद गंभीर ने मन बनाया कि वह आर्मी ज्वाइन करें। हालांकि दूसरी तरफ वह क्रिकेट मैदान पर भी अपना जलवा दिखा रहे थे। रणजी मैचों में उनके बल्ले से खूब रन निकले। ऐसे में उनकी मां ने कहा कि जब उनका क्रिकेट करियर सही दिशा में जा रहा तो इसे क्यों छोड़ रहे। गंभीर को अपनी मां की यह बात रास आर्इ और उन्होंने फिर क्रिकेट पर ही पूरा ध्यान लगाया। उस वक्त इंडिया ए वगैरह ज्यादा नहीं खेली जाती थी। ऐसे में पहले अंडर-19 , फिर रणजी के बाद सीधे टीम इंडिया में इंट्री मिल जाती थी।