इस साल चीन-पाक के लिए नया 'काल', भारत करेगा ध्वनि की रफ्तार से चार गुना तेज मिसाइल का परीक्षण
Astra Mark 2 Missile Test: पिछले 9 महीने से लद्दाख में चीन के साथ भारत का सीमा विवाद जारी है। जब राफेल विमान भारत आए थे तो चीन के लड़ाकू विमानों ने LAC के काफी पास उड़ान भरी थी। इसका मकसद भारत को अपनी ताकत दिखना था। इसके अलावा पाकिस्तान भी अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर नापाक हरकतों को अंजाम देता रहता है। जिस वजह से भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना अपने आप को लगातार मजबूत कर रही है, ताकी वक्त आने पर दुश्मन को कड़ा जवाब दिया जा सके।
अस्त्र Mark 2 का होगा परीक्षण
चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे विवाद के बीच भारत इस साल अस्त्र मार्क-2 मिसाइल (Astra Mark 2 Missile) का परीक्षण करेगा। ये मिसाइल हवा से हवा में मार करती है। साथ ही अस्त्र की रफ्तार ध्वनि की गति से चार गुना ज्यादा तेज है, जबकि इसकी रेंज 160 किलोमीटर है। जिस वजह से इस मिसाइल से दुश्मन का बचना नामुमकिन है। इसके अलावा ये मिसाइल विजिबल रेंज से बाहर भी दुश्मन को आसानी से निशाना बना सकती है।
2022 तक हो जाएगी ऑपरेशनल
वायुसेना के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि अस्त्र मिसाइल का परीक्षण इस साल दूसरी छमाही में शुरू होने की उम्मीद है। परीक्षण पूरा होने के बाद 2022 के अंत तक ये मिसाइल पूरी तरह से भारतीय वायुसेना में ऑपरेशनल हो जाएगी। पूर्व सेंट्रल एयर कमांडर एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा (रिटायर) पिछले साल से इस नेक्स्ट जेनरेशन मिसाइल प्रोग्राम से जुड़े हैं। सिन्हा के मुताबिक ये एक Beyond विजुअल रेंज मिसाइल है, जो हवा में हवा में मार कर सकती है। Beyond विजुअल रेंज का मतलब है कि अगर लक्ष्य आंखों से नहीं दिख रहा तो भी उस पर आसानी से हमला हो सकता है।
तेजस से भी होगा हमला
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना चाहती है कि इसे स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस से भी दागा जा सके। इसके लिए तेजी से काम जारी है और तेजस से इसकी मारक क्षमता को 100 किलोमीटर तक करने का प्रयास हो रहा है। वायुसेना अधिकारियों के मुताबिक अस्त्र मार्क-2 मिसाइल रूसी, फ्रांसीसी और इजराइल की BVRAAM की जगह लेगी। वायुसेना और नौसेना ने पहले ही 288 अस्त्र मार्क-1 मिसाइल का ऑर्डर दे रखा है, जो सुखोई MKI से दागी जा सकती है।
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