अगले हफ्ते एक मंच पर हो सकते हैं तालिबान और भारत, रूस में होनी है बैठक
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: रूस में 20 अक्टूबर को रूस में होने जा रही एक बैठक में भारत और तालिबान एक मंच पर साथ हो सकते हैं। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया है कि भारत अगले सप्ताह रूस में तालिबान से जुड़ी एक बैठक में हिस्सा लेगा। रूस ने बताया है कि अफगानिस्तान पर होने वाली बैठक में तालिबान के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसी बैठक में भारत के अधिकारी भी होंगे।
तालिबान के अगस्त के के महीने में काबुल की सत्ता पर कब्जे के बाद अफगानिस्तान में मॉस्को वार्ता का यह पहला संस्करण होगा। बैठक में तालिबान और भारत दोनों के प्रतिनिधियों का शामिल होने करीब-करीब तय माना जा रहा है। भारत बैठक में जाने की पुष्टि कर चुका है, वहीं तालिबान को रूस ने बैठक में आमंत्रित किया है। अगर ऐसा होता है तो काबुल पर कब्जे के बाद भारत पहली बार तालिबान के साथ किसी मंच पर साथ होगा।
रूस, तालिबान और भारत के अलावा मास्को वार्ता में चीन, पाकिस्तान और ईरान भी शामिल हैं। रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, मास्को अफगानिस्तान में दाएश/आईएसआईएस की गतिविधियों से चिंतित है। वार्ता के मास्को प्रारूप में अफगानिस्तान में आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
अगस्त में काबुल की सत्ता पर हो गया था तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान से इस साल अमेरिकी फौजों के लौटने के बाद तालिबान ने काबुल की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद तालिबान ने अपनी सरकार की घोषणा कर दी थी। जिसके बाद तालिबान को मान्यता देने को दुनियाभर में बहस देखने को मिल रही है। भारत ने तालिबान को लेकर अभी तक अपना रुख बहुत साफ नहीं किया है। तालिबान के सामने भी अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने का संकट है। तालिबान की नई सरकार के लिए भारत की मान्यता अहम है क्योंकि भारत अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और साथ ही यूएनएससी सैंक्शन कमिटी की कमान भी भारत के पास आने वाली है।
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