क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

MUST READ: यहां रहते हैें तो चैन की नींद भूल जाइए

Google Oneindia News

नयी दिल्ली। अखबार का पन्ना हो या टीवी चैनलों की स्क्रीन। हर जगह आपको अपराध से जुड़ी खबरें झोली भर-भर कर मिल जाएंगी। मारपीट, हत्या, चोरी, डकैती जैसे वारदातों की खबरें आम हो गई है। बात अगर राष्ट्रीय राजधानी की करें तो राजधानी में पिछले साल ताबड़तोड़ अपराध हुए। साल 2013 के कुल 73,902 मामलों की तुलना में साल 2014 में कुल 147,230 मामले दर्ज किए गए, जो 2013 की तुलना में 99.22 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। वहीं पिछले साल महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों में 18.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

delhi police

ये आंकड़े दिखाकर हम आपको परेशान नहीं करना चाहते है ब्लकि आपको एक और कड़की सच्चाई से रुबरु करवाना चाहते हैं। यह किसी विडम्बना से कम नहीं कि एक ओर देश का बुद्धिजीवी वर्ग कानून को हाथ में लेने के लिए विवश हो रहा है और दूसरी ओर जनसंख्या के लिहाज से पुलिस बलों की कमी कानून व्यवस्था की बहाली में आड़े आ रही है। जी हां आप ये सुनकर चौंक जाएंगे कि देश में 0.5 मिलियन पुलिसबल की कमी है। इस कमी का ही नतीजा है कि आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि से लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

अपराध बढ़े, लेकिन पुलिस की संख्या नहीं

पुलिस पर अपराधों की रोकथाम की जिम्मेदारी, लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। इंडिया स्पेंड के मुताबिक भारत सरकार ने 709 लोगों पर 1 पुलिस को नियुक्ति किया है जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा कम से कम प्रति पुलिस अधिकारी 450 लोगों रखने की सिफारिश की गई है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आप कितने सुरक्षित है।

delhi police

वहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़े के मुताबिक भारत में वर्तमान पुलिबल क्षमता 1.73 मिलियन है जबकि ये संख्या 2.24 मिलियन होनी चाहिए। यानी भारत में 22.8% पुलिस बल की कमी है।

भारत से बेहतर पाकिस्तान

पुलिसबल संख्या की बात करें तो हमसे बेहतर स्थिति में हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है। जहां भारत में एक पुलिस पर 709 लोगों की जिम्मेदारी है तो वहीं पाकिस्तान में ये अनुपात प्रति पुलिस 483 का है। दुनियाभर में सबसे बेहतर स्थिति में बीलेर्स है जहां प्रति पुलिस मात्र 69 लोग है।

नार्थईस्ट सबसे बेहतर

भारत के राज्यों की बात करें नार्थईस्ट के राज्य जैसे मिजोरम और मणिपुर में पुलिसबलों की संख्या बेहतर है। जहां एक पुलिस अधिकारी पर 98 लोग है जबकि सबसे खराब स्थिति बिहार और उत्तर प्रदेश की है। जहां प्रति पुलिस 1298 लोग है। वहीं धनत्व की बात करें तो सबसे ज्यादा पुलिसबल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तैनात है। जहां प्रति 100 वर्गमीटर पर 5104 पुलिसबल की तैनाती की गई है जबकि चंडीगढ़ में ये आकंड़ा 5295 है।

Comments
English summary
According to data released by the National Crime Records Bureau, there is a shortage in policemen of nearly 23% across the country.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X