नोटबंदी-जीएसटी के प्रभाव से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था, 2017 की आखिरी तिमाही में चीन से आगे रही GDP
नई दिल्ली। नोटबंदी और जीएसटी के प्रभाव से उबरते हुए जीडीपी अब रफ्तार पकड़ने लगी है। बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2017 की आखिरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में जीडीपी 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई है। 2017 की दूसरी तिमाही में विकास दर 6.5 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जबकि पहली तिमाही में 5.7 प्रतिशत की विकास दर दर्ज की गई थी। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा खुशी की बात यह है कि अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है। चीन की जीडीपी की रफ्तार इस दौरान 6.8 फीसदी रही थी, जबकि भारत में नोटबंदी और जीएसटी जैसे दो बड़े रिफॉर्म के बाद भी 7.2 की विकास दर हासिल की है।
रॉयटर्स ने दिए थे संकेत
पिछले हफ्ते ही आए रॉयटर्स पोल में उम्मीद जताई गई थी कि अक्टूबर- दिसंबर 2017 की तिमाही के बीच भारत की जीडीपी की रफ्तार 6.9 फीसदी रह सकती है। रॉयटर्स ने जो अनुमान लगाया था भारतीय अर्थव्यवस्था उससे भी आगे निकल गई है।
बजट के बाद स्थितियां बदली हैं
हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी एक अनुमान लगाया है, जो कि 2018-2019 के लिए है। इसमें अगले साल भारत की विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। मूडी के अनुसार, 500 और 1000 रुपये नोट से असंतुलित प्रभाव पड़ा था, लेकिन 1 अप्रैल से बजट लागू होने के बाद अब स्थितियां बदलती दिख रही है।
2019 में 7.5% विकास दर रहने की अनुमान
मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, '2016 में नोटबंदी और पिछले साल जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव के बाद देश की अर्थव्यवस्था के उपर उठने के अच्छे संकेत दिखाई दे रहे हैं।' इस रिपोर्ट ने कैलेंडर वर्ष 2018 में 7.6% और 2019 में 7.5% के लिए भारत के लिए विकास का पूर्वानुमान रखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में उभरते बाजार से विकास के अनुमान को अपरिवर्तित रखा गया है। इकनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के चैयरमेन बिबेक देबरॉय ने कहा कि विकास दर आने वाली तिमाही में बढेगी। उन्होंने कहा, संरचनात्मक सुधारों को लागू करने और औद्योगिक व सेवा क्षेत्र में वृद्धि के लिए के केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।