भारत में लॉकडाउन का एक साल पूरा, घरों में कैद लोगों ने देखें थे कुछ ऐसे मंजर
नई दिल्ली: दुनिया के इतिहास में जो कभी ना हुआ, वो साल 2020 में देखा गया। चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया था। ऐसे में भारत ने भी कोरोना के बचाव के लिए सख्त फैसला लेते हुए देशभर में लॉकडाउन का फैसला किया था। 25 मार्च 2020 वो ही तारीख है, जिस दिन भारत ने इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए देशव्यापी तालाबंदी यानी लॉकडाउन का ऐलान किया था।
24 मार्च 2020 में देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन इसका ऐलान किया था। इस दिन देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 500 से पार होने के बाद यह सरकार ने लॉकडाउन का कदम उठाया। इस फैसले के बाद में लोगों के घरों के बाहर निकलने पर पूर्ण प्रतिबंध लग गया था। सड़क, रेल और हवाई सेवा सभी बंद कर दी गई थी। बाजारों में सन्नाटा पसरा था। कोई भी घर से बाहर नहीं निकल सकता था। लोग घरों में कैद रहने को मजबूर थे, जिसका एक ही कारण था कोरोना जैसे घातक वायरस से अपना बचाव करना। अगर कोई उसकी चपेट में आ जाता है तो वो पूरे घर के साथ पूरे इलाके तक को संक्रमित कर सकता था।
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कोरोना से भारत में लगे लॉकडाउन याद आज भी लोगों के अंदर जिंदा है। कोरोना ने ऐसा वक्त भी दिखाया, जो किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा। मां-बाप, बेटा कोई भी किसी का नहीं था, ये जानलेवा वायरस किसी अपने को करीब नहीं आने दे रहा था। यहां तक लोग अपनों के अंतिम संस्कार तक में शामिल नहीं हो रहे है। हालांकि कोरोना पर काबू करने के बाद आज दुनिया के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण अभियान भी भारत चला रहा है। देशभर में आज 5 करोड़ 32 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि अभी भी देश में कोरोना के केस कम नहीं हुए है, लेकिन सावधानी भरपूर बरती जा रही है।