Budget 2023: नई आयकर व्यवस्था ही मूल टैक्स व्यवस्था होगी, जानिए क्या होगा बदलाव
Income tax in budget 2023: इस साल के बजट में आयकर दाताओं को नई आयकर व्यवस्था में ही बने रहने का डिफॉल्ट विकल्प मिलेगा। जो पुरानी व्यवस्था में रहना चाहेंगे, वह विकल्प चुन सकते हैं।
Income tax in budget 2023: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में आयकर की व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है। अब नई इनकम टैक्स व्यवस्था ही इनकम टैक्स की मूल व्यवस्था होगी। पुरानी आयकर व्यवस्था अब डिफॉल्ट ऑप्शन की तरह काम नहीं करेगा। मतलब, लोगों को पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही बने रहने का विकल्प खुद से चुनना पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका ऐलान करते हुए कहा है, नई आयकर व्यवस्था अब डिफॉल्ट ऑप्शन होगा, लेकिन जो लोग अभी पुरानी व्यवस्था में ही रहना चाहते हैं, उन्हें उसका विकल्प मिलेगा।
नई
आयकर
व्यवस्था
ही
मूल
टैक्स
व्यवस्था
होगी
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
2023-24
के
लिए
जो
आम
बजट
पेश
किया
है,
उसमें
आयकर
की
नई
व्यवस्था
के
तहत
इनकम
टैक्स
में
बेसिक
छूट
को
मौजूदा
2.5
लाख
से
बढ़ाकर
3
लाख
कर
दिया
है।
इसके
साथ
ही
नई
आकर
व्यवस्था
में
आयकर
टैक्स
स्लैब
में
बदलाव
कर
दिया
गया
है।
बजट
घोषणा
के
मुताबिक
साल
2023-24
के
लिए
आयकर
स्लैब
मौजूदा
6
से
घटाकर
5
स्लैब
में
कर
दिया
गया
है।
बजट
2023
की
घोषणा
के
तहत
सेक्शन
87ए
के
तहत
मिलने
वाली
छूट
नई
टैक्स
व्यवस्था
में
5
लाख
रुपए
से
बढ़ाकर
7
लाख
रुपए
कर
दी
गई
है।
मतलब,
लोगों
को
नई
आयकर
व्यवस्था
के
तहत
अब
7
लाख
रुपए
तक
की
आमदनी
पर
कोई
टैक्स
नहीं
देना
होगा।
यही
नहीं
इस
आयकर
व्यवस्था
को
डिफॉल्ट
ऑप्शन
बना
दिया
गया
है।
नई
आयकर
व्यवस्था
में
आयकर
स्लैब
नई
आयकर
व्यवस्था
के
तहत
आयकर
स्लैब
(2023-24)
अब
इस
तरह
से
होगा-
1) 0 से 3 लाख रुपए- 0%
2) 3 से 6 लाख रुपए- 5%
3) 6 से 9 लाख रुपए- 10%
4) 9 से 12 लाख रुपए- 15%
5) 12 से 15 लाख रुपए- 20%
6) 15 लाख से ऊपर- 30%
पुरानी
आयकर
व्यवस्था
में
रहने
का
विकल्प
मिलेगा
ऊपर
जिस
नई
आयकर
व्यवस्था
की
बात
की
गई
है,
वह
डिफॉल्ट
ऑप्शन
होगा।
हालांकि,
लोग
पुरानी
आयकर
व्यवस्था
का
भी
विकल्प
चुन
सकते
हैं।
यही
नहीं
सरकार
ने
नई
कर
व्यवस्था
में
उच्चतम
दर
के
सरचार्ज
को
वर्तमान
में
37%
से
घटाकर
25%
कर
दिया
है।
वित्त
मंत्री
निर्मला
सीतारमण
ने
इसका
ऐलान
करते
हुए
कहा
है,
'नई
आयकर
व्यवस्था
अब
डिफॉल्ट
ऑप्शन
हो
जाएगा,
लेकिन
जो
लोग
अभी
पुरानी
व्यवस्था
में
रहना
चाहेंगे,
उन्हें
उसका
विकल्प
मिलेगा।'
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नई आयकर व्यवस्था की घोषणा 2020 के बजट में की गई थी, जो कि वित्त वर्ष 2020-21 में लागू हुआ था। मौजूदा समय में एक सैलरी पाने वाला व्यक्ति को आयकर के लिए दो तरह का विकल्प मिलता है। पुरानी टैक्स व्यवस्था में आयकर दाताओं को सामान्य टैक्स देने के साथ ही कई तरह की छूट भी मिलती है। या फिर वह नई व्यवस्था चुनते हैं, जिसमें किसी तरह की सामान्य छूट या राहत नहीं मिलती। यानि उन्हें सेक्शन 80सी या इस तरह की अन्य छूट से वंचित रहना पड़ता है। लेकिन, अब नई व्यवस्था आयकर का स्लैब ही काफी बढ़ा दिया गया है।