आईएमए ने कहा कोरोनिल दवा नहीं है, पतंजलि की दवा को कोविड 19 किट में जोड़ने के प्रस्ताव का किया विरोध
नई दिल्ली, 5 जून। आईएमए और पतंजलि के बीच चल रहा विवाद अब और बढ़ता नजर आ रहा है। आईएमए ने कहा कोरोनिल कोई दवा नहीं है जैसा कि बाबा रामदेव ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर विभिन्न विज्ञापनों में दावा किया है। आईएमए ने कोविड 19 किट में पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल टैबलेट को शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
बता दें हाल ही में आईएमए और अन्य डॉक्टरों के संघ ने एलोपैथिक डॉक्टरों और दवा के खिलाफ बाबा रामदेव के बयान पर आपत्ति जताई थी। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन समेत कई डॉक्टरों ने डॉक्टरों के खिलाफ बयान देने वाले योग गुरु के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। रामदेव ने कथित तौर पर एक बयान में कहा था कि कोरोनावायरस से ज्यादा मरीजों की मौत एलोपैथिक दवा लेने से हुई है। उन्होंने कथित तौर पर दवा की एलोपैथिक शाखा को "दिवालिया दवा" भी कहा था।
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आईएमए के राज्य सचिव डॉ अजय खन्ना द्वारा लिखे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि कोरोनिल टैबलेट न तो दवा है और न ही दवा जैसा कि बाबा रामदेव और पतंजलि समूह ने दावा किया है और इसे केवल केंद्र सरकार द्वारा खाद्य पूरक के रूप में स्वीकृत किया गया है। उत्तराखंड राज्य सरकार के मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र में आगे कहा गया है कि एलोपैथिक दवाओं और दवा के साथ एक आयुर्वेद पूरक का मिश्रण मिक्सोपैथी होगा जिसकी अनुमति नहीं है और देश में कई उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया है। आईएमए ने यह भी कहा कि उच्च न्यायपालिका द्वारा लगातार फैसलों के अलावा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की धारा 34 भी मिक्सोपैथी को प्रतिबंधित करती है और पतंजलि पूरक को शामिल करना धारा 34 का उल्लंघन होगा।