
'भारत ऐसा देश जहां एक मुस्लिम युवा पहुंच सकता है शीर्ष पर', IAS टॉपर रहे शाह फैसल ने पाक को दिखाया आइना
आईएएस से राजनेता और राजनेता से फिर आईएएस बने शाह फैसल ने भारत के संवैधानिक ढांचे की तारीफ की है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि यह केवल भारत में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष पर जा सकता है और सरकार के शीर्ष पदों पर पहुंच सकता है। फिर सरकार से किसी बात के विरोध के चलते अलग हो सकता है और फिर उसी सरकार द्वारा उसे बचा लिया जाता और सेवा में बहाल कर दिया जाता है।
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It's possible only in India that a Muslim youngster from Kashmir can go on to top the Indian Civil Service exam, rise to top echelons of the government, then fall apart with the government and still be rescued and taken back by the same government. Rishi Saunak's appointment 1/4
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
भारत में धर्म के नाम पर नहीं होता भेदभाव
आईएएस शाह फैसल ने इशारों-इशारों पर पाकिस्तान पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसियों के लिए आश्चर्य की बात हो सकती है, क्योंकि वहां का संविधान गैर-मुसलमानों को शीर्ष पदों पर पहुंचने से रोकता है। लेकिन भारतीय लोकतंत्र ने कभी भी जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को बाकियों से भेदभाव नहीं किया है। समान नागरिकों के रूप में भारतीय मुसलमानों को भी इसका अधिकार मिलता है, जो कल्पना से परे हैं।
फैसल बोले इस देश में मुझे हर कदम पर मिला प्यार
भारतीय संविधान की खूबसूरती की तारीफ करते हुए शाह फैसल ने कहा कि मेरी खुद की जिंदगी किसी यात्रा से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने देश के 1.3 बिलियन लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चला और मैंने हर कदम पर सम्मान, प्रोत्साहन और कई बार लाड़-प्यार महसूस किया है। शायद यह मुझे भारत के अलावा किसी और देश में नहीं मिल सकता है।
भारत हमेशा से सबको साथ लेकर चला है
शाह फैसल ने कहा कि भारत हमेशा से समान अवसरों की भूमि रहा है। यहां मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक जैसे जमीन से जुड़े लोगों ने अपना शीर्ष पदों तक का सफर तय किया। शाह ने कहा कि अगर मैं कहूं कि मैं पहाड़ की चोटी पर गया हूं और वह भी मेरा है तो गलत नहीं होगा।
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