भारत-चीन तनाव: पूर्वी लद्दाख दौरे पर IAF प्रमुख वीआर चौधरी, स्थिति का करीब से जायजा
लेह, 16 अक्टूबर: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पर चीन से भारत का तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच कई बार बातचीत के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पीछे हटकर फिर आगे बढ़ना ये चीन की चालबाजी बार-बार देखी जा रही है। ऐसे में हाल ही में वायुसेना प्रमुख का पद संभालने वाले एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी भी पूरी तरह से एक्टिव हैं। भारतीय वायु सेना ( IAF) प्रमुख चौधरी लद्दाख में अग्रिम इलाकों का दौरा कर रहे हैं और वहां तैनात सैनिकों की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।

वायु सेना के जवानों के साथ बैठक
हाल ही में भारतीय वायुसेना की 89वीं सालगिरह पर वीआर चौधरी ने मीडिया को बताया था कि चीन की एयरफोर्स पूर्वी लद्दाख में मौजूद है, लेकिन इसका असर देश में नहीं पड़ने वाला है। वहीं अब वो खुद पूर्वी लद्दाख के दौरे पर हैं। वह पिछले साल वो अप्रैल-मई में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ चल रहे गतिरोध के एक बड़े हिस्से के लिए पश्चिमी वायु कमान (डब्ल्यूएसी) के प्रमुख थे। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि वायु सेना प्रमुख शनिवार सुबह लेह एयरबेस पहुंचे और एलएसी के पास अग्रिम इलाकों में तैनात वायु सेना के जवानों और विशेष बलों के साथ मीटिंग करेंगे।
'भारत पूरी तरह से तैनात और तैयार'
एक अक्टूबर को वायु सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद राष्ट्रीय राजधानी के बाहर अग्रिम क्षेत्रों का यह उनका पहला दौरा है। चीनी सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख सेक्टर पर अपनी आक्रामक मंशा दिखाना शुरू करने के बाद वायु सेना ने लद्दाख में अपने हथियारों को बेहद आक्रामक तरीके से तैनात किया था। वीआर चौधरी ने 5 अक्टूबर को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, "एलएससी पर स्थिति यह है कि चीनी वायु सेना अभी भी एलएसी के तीन हवाई अड्डों पर मौजूद है। हम अपनी तरफ से पूरी तरह से तैनात और तैयार हैं।
वायु सेना की चीनी सेना पर बढ़त
उन्होंने बताया था कि भारतीय वायु सेना की चीनी वायु सेना पर बढ़त है, क्योंकि नगारी गुन्सा, काशगर और होतान में अपने उच्च ऊंचाई वाले हवाई अड्डों से संचालन शुरू करने में समस्याएं हैं और अन्य जो इस क्षेत्र में आ रहे हैं जबकि भारतीय वायु सेना लॉन्च कर सकती है। लद्दाख क्षेत्र के पास कई एयरबेस और अपने लड़ाकू विमानों की तुलना में तेजी से स्थानों तक पहुंचते हैं। सूत्रों ने कहा कि तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में एलएसी के पार चीनी सेना की वर्तमान तैयारी का अधिकांश हिस्सा केवल भारतीय वायु सेना से निपटने के लिए है।
आईएएफ चीफ वीआर चौधरी बोले- सेना को दिखानी होगी असली ताकत
LAC पर भारत की मुस्तैदी
इधर, चीनी बिल्डअप को देखते हुए भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं पर अपनी तैयारियों को भी तेज कर दिया है क्योंकि उन्होंने अब किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए लगभग पूरे रिजर्व टैंक डिवीजन, 50000 से अधिक सैनिकों और K-9 वज्र हॉवित्जर जैसे नए उपकरणों को तैनात किया है। भारतीय वायु सेना भी पूर्वी और उत्तरी दोनों क्षेत्रों में एलएसी के साथ हथियारों को तेजी से तैनात कर रही है, जो सैनिकों के साथ सैन्य बल को भी बढ़ाएगा।