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कोरोना की दूसरी लहर में कैसे बचा रहा मुंबई का धारावी, सामने आई असली वजह

महामारी की दूसरी लहर में धारावी में कोरोना के केस ना बढ़ने के पीछे अब एक बड़ी वजह सामने आई है...

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मुंबई, 29 मई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देशभर में भारी कोहराम मचाया है। महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे उत्तर भारत के राज्यों के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब दक्षिणी राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि इस बीच राहत की एक बड़ी बात यह रही कि एशिया का सबसे बड़ा स्लम यानी मुंबई का धारावी इलाका कोरोना वायरस की दूसरी लहर से काफी हद तक बचा रहा। कोरोना की पहली लहर के दौरान धारावी में बड़ी संख्या में कोरोना के मामले मिले थे। महामारी की दूसरी लहर में धारावी में कोरोना के केस ना बढ़ने के पीछे अब एक बड़ी वजह सामने आई है।

अप्रैल में हर 10 लाख लोगों पर मिले केवल 7 केस

अप्रैल में हर 10 लाख लोगों पर मिले केवल 7 केस

आपको बता दें कि मुंबई में धारावी एक घनी आबादी वाला स्लम एरिया है, जहां करीब साढ़े आठ लाख लोगों की झुग्गी-झोंपड़ियां हैं। अप्रैल के महीने में, जिस समय महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दूसरी लहर एक कहर बनकर टूट रही थी, उस समय धारावी में प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 7 मामले रिकॉर्ड किए गए। ये वो वक्त था, जब महाराष्ट्र में हर 10 लाख लोगों की आबादी पर कोरोना वायरस के 507 केस और देशभर में 257 केस मिल रहे थे।

रिसर्च में हुआ वजह का खुलासा

रिसर्च में हुआ वजह का खुलासा

शनिवार को 'यूरोपियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज' में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में धारावी के बचे रहने की अहम वजह का खुलासा हुआ। इस रिसर्च में बताया गया कि कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान धारावी में संक्रमित हुए लोगों में प्राकृतिक तौर पर जो एंटीबॉडी बनी, उसने दूसरी लहर में इस इलाके को संक्रमण से काफी हद तक बचाए रखा।

पिछले साल कोरोना का हॉटस्पॉट बना था धारावी

पिछले साल कोरोना का हॉटस्पॉट बना था धारावी

गौरतलब है कि पिछले साल मई में महामारी की पहली लहर के दौरान धारावी महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का एक हॉटस्पॉट बन गया था और यहां हर 10 लाख की आबादी पर औसत 48 केस रिकॉर्ड किए गए थे। इसके कुछ समय बाद भी जब भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर केवल 1 से 3 केस मिल रहे थे, उस समय धारावी में यह संख्या 80 तक पहुंच गई थी।

ये भी पढ़ें- दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर में रोजाना आ सकते हैं 45000 से अधिक केस, IIT की रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशनये भी पढ़ें- दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर में रोजाना आ सकते हैं 45000 से अधिक केस, IIT की रिपोर्ट ने बढ़ाई टेंशन

'धारावी में काफी उच्च सीरोपॉजिटिविटी'

'धारावी में काफी उच्च सीरोपॉजिटिविटी'

'यूरोपियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज' की रिसर्च में बताया गया कि धारावी में काफी उच्च सीरोपॉजिटिविटी है। जुलाई 2020 में धारावी के अंदर पहला सीरो सर्वे किया गया था और यहां 57 फीसदी सीरोपॉजिटिविटी मिली। इसके बाद जब अक्टूबर में दूसरा सीरो सर्वे हुआ तो सीरोपॉजिटिविटी घटकर 45 फीसदी के स्तर पर आ गई। विशेषज्ञों ने इसके लिए एंटीबॉडी के घटते स्तर को सबसे बड़ी वजह माना।

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English summary
How Dharavi Saved In Second Wave Of Coronavirus, Know The Real Reason.
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